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Monsoon Update News: देश के कई राज्यों में भारी बारिश के चलते वैसे ही साग-सब्जियों की कीमतों में उछाल के चलते महंगाई चरम पर है. तो अगस्त महीने में सामान्य से कम बारिश के कारण महंगाई के और बढ़ने की आशंका गहराती जा रही है. अगस्त के पहले 15 दिनों में सामान्य से 5 फीसदी कम बारिश हुई है. देश के 717 जिलों में 36 फीसदी या 263 जिलों में 20 फीसदी से कम बारिश हुई है.
अगस्त के पहले 15 दिनों में कमजोर मानसून का असर पूरे देश में देखने को मिल रहा है. जबकि जुलाई में सामान्य से 13 फीसदी ज्यादा बारिश देखने को मिली थी. हालांकि मौसम विभाग को उम्मीद है कि 18 जुलाई के बाद से फिर से मानसून रफ्तार पकड़ सकती है. सबसे कम बारिश पूर्वी भारत के राज्यों बिहार, झारखंड पूर्वी उत्तर प्रदेश में देखने को मिला है.
कमजोर मानसून, महंगाई की चिंता को और बढ़ाती जा रही है. खरीफ फसलों के उत्पादन खासतौर से चावल, दलहन और तिलहन की बुआई पर असर पड़ने की आशंका है. वैसे ही चावल की कीमतों में हाल के दिनों में उछाल देखने को मिला है. और कमजोर मानसून के चलते चावल के उत्पादन पर असर पड़ने से कीमतों में और तेजी देखने को मिल सकती है. सोयाबीन की पैदावार सबसे ज्यादा प्रभावित हो सकती है क्योंकि उसकी खेती के लिए सबसे ज्यादा पानी की आवश्यकता होती है. दलहन की बुआई मानसून के आने के बाद खेत में ज्यादा पानी होने पर की जाती है.
कई रिसर्च रिपोर्ट्स कह चुकी हैं इस वर्ष अल नीनो के असर के चलते सूखे जैसे हालात पैदा हो सकते हैं जिससे खाद्यान्न उत्पादन में कमी आ सकती है. कमजोर मानसून के बाद अल नीनो की आशंका सच साबित होती दिख रही है. ऐसे में आने वाले दिनों में महंगाई बढ़ने का खतरा बढ़ता जा रहा है. जुलाई महीने के लिए जो खुदरा महंगाई दर के आंकड़े घोषित हुए हैं उसमें सीबीआई इंफ्लेशन जहां 7.44 फीसदी रहा है तो खाद्य महंगाई दर डबल डिजिट में 11.51 फीसदी पर जा पहुंची है.
अगस्त महीने में कमजोर मानसून के रहने पर आने वाले त्योहारी सीजन में महंगाई लोगों को और सता सकती है. क्योंकि इस दौरान खाद्य वस्तुओं की मांग में भी तेजी देखने को मिलती है.
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