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Pulses Price Hike: अरहर और उड़द दाल की कीमतों में बढ़ोतरी ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है. अरहर और उड़द दाल की बढ़ती कीमतों के मद्देनजर केंद्र सरकार ने राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ स्टॉक डिस्क्लोजर को लेकर बैठक की है. केंद्र सरकार ने राज्यों से अरहर और उड़द दाल की कीमतों पर पैनी नजर बनाये रखने के साथ स्टॉक पोजीशन को वेरिफाई करते रहने के लिए कहा है. स्टॉक लिमिट ऑर्डर का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की हिदायत दी गई है.
उपभोक्ता मामलों के विभाग की एडिशनल सेक्रेटरी निधि खरे ने राज्यों के फूड एंड सप्लाई सप्लाई डिपार्टमेंट, सेंट्रल वेयरहाउसिंग कॉरपोरेशन और स्टेट वेयरहाउसिंग कॉरपोरेशन के अधिकारियों के साथ बैठक की है. बैठक में अरहर और उड़द दाल के स्टॉक डिस्क्लोजर और राज्यों के स्टॉक लिमिट के फैसले के लागू होने के बाद की स्थिति की समीक्षा की है. आपको बता दें 2 जून को केंद्र सरकार ने अरहर और उड़द दाल के स्टॉक रखने पर लिमिट लगाने का एलान किया था. आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 के तहत दालों की जमाखोरी को रोकने और कीमतों में भारी बढ़ोतरी को रोकने के लिए ये फैसला लिया गया था जिससे लोगों को सस्ती कीमत पर दाल उपलब्ध कराई जा सके.
इस बैठक में सेंट्रल वेयरहाउसिंग कॉरपोरेशन और स्टेट वेयरहाउसिंग कॉरपोरेशन से उनके वेयरहाउस में मौजूद दालों के स्टॉक की जानकारी रेग्यूलर बेसिस पर उपलब्ध कराने को कहा गया है. 31 अक्टूबर 2023 तक अरहर और उड़द दालों पर स्टॉक लिमिट का फैसला लागू रहेगा.
दाल की कीमतों में 2023 में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिली है. एक जनवरी 2023 को सरकारी आंकड़ों के मुताबिक खुदरा बाजार में औसत मूल्य 110.99 रुपये प्रति किलो था जो 13 जून को 15.24 रुपये की बढ़ोतरी के साथ 126.23 रुपये किलो में मिल रहा है. उड़द दाल एक जनवरी 2023 को 106.55 रुपये में मिल रहा था जो 13 जून को 111.08 रुपये प्रति किलो में मिल रहा है.
हाल के दिनों में अरहर और उड़द दाल की बढ़ोती कीमतों के मद्देनजर सरकार ने कई फैसले लिए हैं. सरकार ने दाल आयात करने वाले इंपोर्टरों को कस्टम क्लीरेंस मिलने के बाद 30 दिनों के भीतर बाजार में दाल उतारने की हिदायत दी है. एडवाइजरी में मंत्रालय ने दाल के इंपोर्टरों से कहा है कि कस्टम क्लीरेंस मिलने के बाद 30 दिनों से ज्यादा स्टॉक को अपने पास होल्ड कर ना करें. साथ ही हर शुक्रवार को सभी इंपोर्टरों को विभाग के ऑनलाइन पोर्टल पर अरहर और उरद दाल के होल्डिंग स्टॉक की जानकारी देने को कहा गया है.
सरकार ने विदेशों में यानि म्यांमार से अरहर और उरद की होर्डिंग की आशंका जाहिर की थी. इंपोर्ट करने वाले इंपोर्टर भारत में दाल आयात कर नहीं मंगा रहे हैं. वे वहीं दालों की होर्डिंग कर रहे हैं जिससे घरेलू बाजार में जब दाल की कीमतें और बढ़ जाए तो वे ऊंची कीमतों पर उसे आयात करने के बाद बाजार में बेचकर मोटा मुनाफा बना सकें.
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