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Increment and Promotions: आईटी सेक्टर में ग्लोबल मंदी की आशंका एम्प्लॉयीज पर भारी पड़ी है. इंफोसिस समेत कई बड़ी कंपनियों ने इस साल वेतन में इजाफा और प्रमोशन की संख्या कम कर दी है. बेंगलुरु स्थित इंफोसिस ने इस साल काफी देर से वेतन वृद्धि और प्रमोशन का फैसला लिया. मगर, कर्मचारियों के हाथ निराशा लगी क्योंकि इस साल उनकी सैलरी में 10 फीसदी से भी कम की हाइक हुई है. इंफोसिस ने भी वेतन वृद्धि के लेटर देते समय कर्मचारियों से मुश्किल वक्त में साथ देने का धन्यवाद दिया है.
नई हायरिंग करने में कोई दिलचस्पी नहीं
इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, अमरीका और यूरोप की कई बड़ी आईटी कंपनियों के हेडक्वार्टर बेंगलुरु में हैं. आईटी सेक्टर में लगभग 60 फीसदी खर्च कर्मचारियों पर ही होता है. इस बड़े खर्च को संभालने के लिए आईटी कंपनियों ने इस साल कम वेतन वृद्धि की है. साथ ही प्रमोशन की संख्या भी घटाई है. हाल ही में कई रिपोर्ट्स आईं, जिनसे पता चला कि इस साल आईटी कंपनियां नई हायरिंग करने में भी दिलचस्पी नहीं दिखा रही हैं.
नए कर्मचारियों की नहीं बढ़ी वेतन
मंदी का यह सिलसिला लगभग एक साल से जारी है. हालांकि, कंपनियों को उम्मीद है कि अगले छह महीनों में मंदी से निजात मिल जाएगी. मगर, तब तक स्थिति न बिगड़े इसलिए कंपनियां सावधानी बरत रही हैं. इस साल नए कर्मचारियों को वेतन वृद्धि नहीं दी गई है.
आधी हो गई वेतन वृद्धि, रोके गए प्रमोशन
एक आईटी कर्मचारी के मुताबिक, हर साल कंपनियां लगभग 20 फीसदी तक वेतन वृद्धि करती हैं. यदि किसी को प्रमोशन मिल जाए तो उसकी सैलरी 50 फीसदी तक बढ़ जाती है. इस साल कई प्रमोशन रोके गए हैं. साथ ही जिन्हें प्रमोशन मिले, उन्हें भी सिर्फ 10 से 20 फीसदी ही सैलरी हाइक दी गई है.
नौकरी बदलने वाले भी घाटे में
इस साल नौकरी बदलने वालों को कंपनियों ने लगभग 20 फीसदी ही वेतन वृद्धि दी. पहले यही आंकड़ा 40 फीसदी तक होता था. कुछ मामलों में तो 100 से 120 फीसदी तक सैलरी बढ़ जाती थी. साल 2023 में हालात कुछ 2007 से 2009 वाले बने हुए हैं. इन दो सालों में आईटी सेक्टर बुरी तरह से प्रभावित हुआ था.
एआई भी खा रही नौकरियां
एक आईटी कंपनी के एचआर मैनेजर ने बताया कि ऑटोमेशन और आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (AI) ने नौकरियों को नुकसान पहुंचाया है. इससे आईटी प्रोफेशनल चिंतित हैं. कोई नहीं जानता कि यह बुरा दौर कब खत्म होगा. कोरोना महामारी के दौरान आईटी एम्प्लॉयीज की डिमांड बहुत बढ़ गई थी. लोगों को महंगी कार और बाइक जैसे तोहफे भी कंपनियों की ओर से मिले. मगर, अब यह सब कुछ सपने जैसा है.
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