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Food Theft: कभी पूरी दुनिया पर राज करने वाले देश की जनता अब भूखों मर रही है. आलम यह है कि लोग चोरियां कर के ब्लैक मार्केट में खाना बेच रहे हैं. यह दुर्दशा ब्रिटेन के लोगों की हो रही है, जहां शॉपलिफ्टिंग के मामलों में जबरदस्त उछाल आया है. लोग बड़ी दुकानों से खाने-पीने का सामान चुराकर ब्लैक मार्केट में बेच रहे हैं. इसके लिए देश में फैली महंगाई को दोष दिया जा रहा है.
चोरी किए गए सामान का मूल्य लगभग 1 अरब पौंड
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, ब्रिटेन में शॉपलिफ्टिंग के केस रिकॉर्ड संख्या में दर्ज किए गए हैं. इन आंकड़ों के आधार पर गार्जियन ने बताया है कि बड़ी दुकानों में चोरी की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं. ब्रिटिश रिटेल कंसोर्टियम के अनुमान के मुताबिक, 2023 में चोरी किए गए सामान का मूल्य लगभग 1 अरब पौंड (1.3 अरब डॉलर) है. इसके अलावा गृह मंत्रालय के आंकड़े भी बताते हैं कि देश में शॉपलिफ्टिंग के आंकड़े रिकॉर्ड संख्या को पार कर चुके हैं. साथ ही ऐसी अनसुलझी घटनाओं के आंकड़े भी तेजी से बढ़ रहे हैं.
मीट, चीज और मिठाइयां जैसी चीजें चुरा रहे लोग
रिपोर्ट के अनुसार, सबसे ज्यादा चोरी की जाने वाली चीजों में मीट, चीज और मिठाइयां शामिल हैं. ऐसी चीजों की बिक्री आसानी से हो जाती है. महंगाई की मार झेल रहे लोग इन्हें तुरंत खरीद लेते हैं. इन खाने-पीने के आइटम की चोरी दुकानों और ट्रक से की जा रही है.
कॉस्ट ऑफ लिविंग बढ़ने की मार नहीं झेल पा रही जनता
ब्रिटेन में कॉस्ट ऑफ लिविंग बढ़ने की वजह से लोग अब ऐसे अनोखे रास्तों की तलाश कर रहे हैं. ब्रिटिश इंडिपेंडेंट रिटेलर्स असोसिएशन के चीफ एग्जीक्यूटिव एंड्रू गूडेकर ने कहा कि जरूरत की चीजों की आपूर्ति के लिए लोग कम लागत वाले रास्तों की तलाश कर रहे हैं. जिन दुकानों में कभी चोरी नहीं हुई वहां भी लोग चंद सेकेंड में पूरी की पूरी दुकान साफ कर देते हैं. इसकी सबसे बड़ी वजह ब्लैक मार्केट में इनकी बढ़ती हुई डिमांड है.
ग्रॉसरी कंपनियां बिना वजह बढ़ा रहीं कीमतें
रिपोर्ट के मुताबिक, देश में खाने की कीमतें बहुत तेजी से बढ़ी हैं. देश में खाद्य गरीबी चरम पर है. फूड बैंक भी लोगों को उतना ही भोजन दे रहे हैं जितना कि जीवित रहने के लिए जरूरी है. फूड बैंक से उन्हें पोषक भोजन नहीं मिल पा रहा है. लोगों के पास पैसा नहीं है. वह अपने परिवारों को मना करके थक चुके हैं इसलिए चोरियों की संख्या बढ़ती जा रही है. हाल ही में आई कंपटीशन एंड मार्केट अथॉरिटी (CMA) की रिपोर्ट के अनुसार, देश की बड़ी ग्रॉसरी कंपनियां अनावश्यक रूप से कीमतों में तेजी से इजाफा करती जा रही हैं. सीएमए रिपोर्ट के अनुसार, अक्टूबर में महंगाई दर 10.1 फीसदी तक नीचे आ गई थी. मगर, अब वह फिर से ऐतिहासिक रूप से ऊपर हैं.
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