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पिछला सप्ताह घरेलू शेयर बाजार (Indian Share Market) के लिए भले ही ठीक-ठाक रहा, लेकिन केंद्र में सरकार चला रही भारतीय जनता पार्टी (BJP) के लिए ठीक नहीं रहा. बीते सप्ताह के दौरान प्रमुख दक्षिणी राज्य कर्नाटक के विधानसभा चुनाव के नतीजे (Karnataka Election Results) सामने आए और केंद्र के साथ-साथ राज्य में भी सत्ता संभाल रही भाजपा को करारी हार मिली. परिणाम के बाद सोमवार को पहली बार बाजार में कारोबार होगा. वहीं इस सप्ताह के दौरान कई अन्य बड़े फैक्टर्स भी हैं, जिनका बाजार की चाल पर असर दिख सकता है.
ऐसा होगा कर्नाटक का असर
आम तौर पर ऐसा देखा जाता है कि शेयर बाजार राजनीतिक बदलाव के प्रति संवेदनशील होता है. बीते सप्ताह कर्नाटक राज्य के चुनाव के नतीजे सामने आए. कर्नाटक कारोबार के लिहाज से अहम भारतीय राज्य है और वहां नई सरकार बनने जा रही है. राज्य में भाजपा सत्ता से बाहर हुई है और प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत मिला है. अमूमन ऐसे परिणाम बाजार पर नकारात्मक असर दिखाते हैं, लेकिन बाजार के विश्लेषकों का कहना है कि सोमवार को शायद ही बाजार पर इसका असर हो, क्योंकि नतीजे एक्जिट पोल के अनुरूप हैं और बाजार इस अनुमान को पहले से ही पचा चुका है.
इन आंकड़ों पर रिएक्ट करेगा बाजार
बीते सप्ताह की बात करें तो बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स (BSE Sensex) 973.61 अंक यानी 1.59 फीसदी चढ़कर 62 हजार अंक के पार निकल गया था. वहीं एनएसई निफ्टी (NSE Nifty) 18,315 अंक के पास जाकर बंद हुआ था. बीते सप्ताह के दौरान कर्नाटक चुनाव परिणाम के अलावा कुछ बड़े आर्थिक आंकड़े भी जारी हुए थे. मार्च में औद्योगिक उत्पादन (IIP) की वृद्धि दर 1.1 फीसदी रही, जो 5 महीने में सबसे कम है. वहीं दूसरी ओर खुदरा महंगाई (CPI) की दर अप्रैल महीने में कम होकर 4.7 फीसदी पर आ गई, जो बीते 18 महीने में सबसे कम है. ये आंकड़े शुक्रवार को जारी हुए, इस कारण इनका सही असर सोमवार को ही देखने को मिलेगा.
ये कंपनियां जारी करेंगी परिणाम
सोमवार यानी 15 मई से शुरू हो रहे इस कारोबारी सप्ताह के दौरान कई बड़ी कंपनियों के तिमाही नतीजे आने वाले हैं. इन कंपनियों में बैंक ऑफ बड़ौदा, भारती एयरटेल, भारतीय स्टेट बैंक, आईटीसी, इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन, जेएसडब्ल्यू स्टील, गेल, एनटीपीसी, आईटीसी, पावरग्रिड कॉरपोरेशन जैसे नाम शामिल हैं. इन कंपनियों का मार्च तिमाही के दौरान प्रदर्शन कैसा रहता है, बाजार पर इस बात का सीधा असर दिख सकता है.
बाजार के पक्ष में है एफपीआई का रुख
बाजार पर विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) के रुख का भी असर हो सकता है. डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, एफपीआई ने 2 मई से 12 मई के दौरान भारतीय शेयर बाजार में 23,152 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया है. इससे पहले अप्रैल में उन्होंने शेयरों में 11,630 करोड़ रुपये और मार्च में 7,936 करोड़ रुपये डाले थे. इस तरह देखें तो एफपीआई का रुख सकारात्मक बना हुआ है, जो बाजार के लिए मददगार साबित होगा.
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