Home Business कृषि सेक्टर के भरोसेमंद आंकड़ों के लिये शुरू हुआ पोर्टल, चुनौतियों से निपटने को सरकार का कदम

कृषि सेक्टर के भरोसेमंद आंकड़ों के लिये शुरू हुआ पोर्टल, चुनौतियों से निपटने को सरकार का कदम

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कृषि सेक्टर के भरोसेमंद आंकड़ों के लिये शुरू हुआ पोर्टल, चुनौतियों से निपटने को सरकार का कदम

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Agriculture Portal: केंद्र सरकार ने आज कृषि से जुड़े आंकड़ों के लिए यूनिफाईड पोर्टल लॉन्च कर दिया है. पोर्टल को लॉन्च करने के बाद, नीति आयोग के सदस्य रमेश चंद ने कहा कि यह भारतीय कृषि के सामने आने वाली संचालन व्यवस्था से जुड़ी जटिल चुनौतियों से निपटने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है. उन्होंने एक बयान में कहा कि कृषि क्षेत्र में डेटा मैनेजमेंट को सुव्यवस्थित करने और बढ़ाने के लिए डिजाइन किया गया यह प्लेटफॉर्म ज्यादा कुशल और उत्तरदायी कृषि नीति ढांचे की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.

भरोसेमंद आंकड़ों तक पहुंच को सुगम बनाएगा ये पोर्टल

कृषि मंत्रालय के मुताबिक यह पहल ई-गवर्नेंस के सिद्धांतों के मुताबिक है और यह कदम भरोसेमंद आंकड़ों तक पहुंच को सुगम बनाएगा. इससे संबंधित पक्षों को सोच-विचार कर फैसला लेने में मदद मिलेगी. कृषि मंत्रालय द्वारा विकसित एकीकृत पोर्टल (यूपीएजी) कृषि के लिए डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे का एक महत्वपूर्ण घटक है. मंत्रालय के मुताबिक, यह पहल भारत के कृषि क्षेत्र में स्मार्टनेस, पारदर्शिता और चपलता लाते हुए ई-गवर्नेंस के सिद्धांतों के अनुरूप है. कृषि सचिव मनोज आहूजा ने कहा कि पोर्टल से यूजर्स को आसानी से भरोसेमंद, विस्तृत और वस्तुपरक आंकड़ों तक पहुंच से लाभ होगा.

क्या-क्या फायदे होंगे इस पोर्टल से 

पोर्टल बढ़ी हुई फ्रीक्वेंसी के साथ बारीक उत्पादन अनुमान तैयार करेगा, जिससे सरकार की कृषि संकटों पर तेजी से प्रतिक्रिया करने की क्षमता बढ़ेगी.

 

यह एल्गोरिदम का उपयोग करके कमोडिटी प्रोफाइल रिपोर्ट भी तैयार करेगा और यूजर्स को व्यापक अंतर्दृष्टि प्रदान करेगा.

 

बयान में कहा गया है कि इसके अलावा, यूजर्स को अपनी रिपोर्ट तैयार करने के लिए पोर्टल के डेटा का उपयोग करने की सुविधा होगी, जिससे डेटा-संचालित फैसला लेने को बढ़ावा मिलेगा. 

 

पोर्टल का लक्ष्य सत्यापित आंकड़ों की कमी से संबंधित चुनौतियों को दूर करना है. सही आंकड़ों का अभाव पॉलिसी मेकर्स, शोधकर्ताओं और अंशधारकों के लिए सोच-विचार कर निर्णय लेना मुश्किल बना देता है. नीति आयोग के सदस्य के अनुसार एक शोध से पता चलता है कि आंकड़ों में एक डॉलर के निवेश से 32 डॉलर का प्रभाव पड़ता है.

 

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