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PM SVANidhi scheme: प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि (पीएम स्वनिधि) योजना को और आगे बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार ने बैंको और नागरिक निकायों से मिलकर काम करने के लिए कहा है. इस योजना का उद्देश्य स्ट्रीट वेंडरों को कोविड-19 महामारी में बुरी तरह प्रभावित हो चुके उनके कामकाज को फिर से शुरू करने के लिए बिना किसी गारंटी के कार्यशील पूंजी ऋण की सुविधा प्रदान करना है. पीएम स्वनिधि योजना देश में एक जून, 2020 को शुरू की गई थी.
पीएम स्वनिधि योजना को लेकर क्या है अपडेट
केंद्रीय मंत्री भागवत कराड ने रेहड़ी पटरी वालों को आसानी से लोन मुहैया कराने के लिए शुरू की गई केंद्र सरकार की स्कीम ‘पीएम स्वनिधि योजना’ के लक्ष्य हासिल करने के लिए बैंकों और नागरिक निकायों से मिलकर काम करने को कहा है. कराड ने शनिवार को एक क्षेत्रीय स्तर की बैठक की अध्यक्षता की जिसमें उन्होंने कई निर्देश जारी किए हैं. इस बैठक में बिहार, झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल के बैंकों और नगर निकायों के अधिकारी शामिल थे. बैठक में राज्य सरकारों के प्रतिनिधियों, नगर निगम आयुक्तों एवं राज्य स्तरीय बैंकर समितियों (एसएलबीसी) के संयोजकों और अन्य लोगों ने हिस्सा लिया.
नए आवेदनों को आगे बढ़ाएं बैंक- वित्त राज्य मंत्री कराड
एक बयान में जानकारी दी गई है कि वित्त राज्य मंत्री ने नगर निकायों को तयशुदा समय में तेज तरीके से लक्ष्य हासिल करने के लिए नए आवेदनों को आगे बढ़ाने का निर्देश दिया है. पीएम स्वनिधि योजना का क्रियान्वयन कितनी अच्छी तरह चल रहा है इसकी समीक्षा करने के दौरान भागवत कराड ने कराड ने नगर निकायों से बैंकों द्वारा लौटाए गए आवेदनों की समीक्षा करने और उनमें आवश्यक सुधार करने के बाद उन्हें फिर से बैंक में जमा कराने को कहा है. वित्त राज्यमंत्री भागवत कराड ने शहरी स्थानीय निकायों से अपने प्रयास तेज करने की अपील की ताकि रेहड़ी पटरी वालों को डिजिटल मीडियम से जोड़ा जा सके.
क्या है पीएम स्वनिधि योजना- क्या हैं इसके उद्देश्य
I. एक वर्ष की अवधि के लिए बिना किसी गारंटी के 10,000 रुपये तक की कार्यशील पूंजी ऋण की सुविधा प्रदान करना, समय पर इस ऋण का पुनर्भुगतान करने पर 20,000 रुपये ऋण की दूसरी और 50,000 रुपए ऋण की किश्त की सुविधा प्रदान करना.
II. प्रति वर्ष 7 प्रतिशत की दर से ब्याज सब्सिडी के माध्यम से नियमित पुनर्भुगतान को प्रोत्साहित करना; और
III. प्रति वर्ष 1,200 रुपये तक कैशबैक के माध्यम से डिजिटल लेन-देन को प्रोत्साहित करना.
पीएम स्वनिधि योजना के तहत, शुरुआत में 10,000 रुपये तक का कार्यशील पूंजी ऋण प्रदान करने की शुरुआत की गई थी. बाद में अधिक ऋण की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए, 20,000 रुपये तक का दूसरा ऋण दिनांक 09 अप्रैल 2021 से और 50,000 रुपये तक का तीसरा ऋण 1 जून 2022 से दिया जाने लगा.
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