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Wheat Price Hike: गेहूं और आटे की कीमतों में उछाल के बाद केंद्र सरकार हरकत में आ गई है. गेहूं की बढ़ती कीमतों पर नकेल कसने और बाजार में उपलब्धता बढ़ाने के मकसद से केंद्र सरकार ने सभी राज्य सरकारों के साथ महत्वपूर्ण बैठक की है. खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने वीडियो कॉंफ्रेसिंग के जरिए राज्यों के खाद्य सचिवों के साथ बैठक की जिसमें केंद्र ने राज्यों के खाद्य सचिवों के साथ गेहूं की स्टॉक लिमिट का सख्ती के साथ अनुपालन कराने को लेकर चर्चा की है.
इस बैठक में केंद्र सरकार ने राज्यों से होलसेलर्स, रिटेलर्स, ट्रेडर्स, बड़े चेन रिटेलर्स और प्रोसेसर्स से गेहूं के स्टॉक का डिटेल्स हासिल करने को कहा है. जिससे जमाखोरी पर रोक लगाई जा सके और गेहूं के असल उपलब्धता का पता लगाया जा सके. (https://evegoils.nic.in/wsp/login) पर स्टॉक का डेटा शेयर करने के लिए कहा गया है. अगर इन स्टॉकिस्टों के पास तय लिमिट से ज्यादा गेहूं है तो उन्हें नोटिफिकेशन जारी होने के 30 दिनों के भीतर तय लिमिट के भीतर स्टॉक को लाना होगा.
बैठक के दौरान सरकार ने राज्य सरकारों के साथ ओपन मार्केट सेल स्कीम (OMSS) घरेलू मार्केट में गेहूं और चावल बेचने के फैसले की जानकारी दी. पहले चरण में 15 लाख मिट्रिक टन गेहूं खुले बाजार में बेचा जाएगा. जिससे घरेलू बाजार में गेहूं और चावल के दामों को नियत्रंण में लाया जा सके. सरकार की कोशिश है कि सस्ते दामों पर लोगों को गेहूं चावल उपलब्ध कराई जाए.
सोमवार को ही केंद्र सरकार ने गेहूं की बढ़ती कीमतों और उसके होर्डिंग और जमाखोरी पर रोक लगाने के मकसद से होलसेलर्स, रिटेलर्स, ट्रेडर्स, बड़े चेन रिटेलर्स और प्रोसेसर्स के लिए स्टॉक रखने की लिमिट तय कर दी है. सरकार ने ओपन मार्केट सेल स्कीम (OMSS) घरेली मार्केट में गेहूं और चावल बेचने का फैसला किया है जिससे घरेलू बाजार में बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाई जा सके.
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