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Dara Khosrowshahi: ऊबर के सीईओ डारा खोसरोवशाही (Dara Khosrowshahi) ने देश के दिग्गज कारोबारी गौतम अडानी (Gautam Adani) से मुलाकात की है. दोनों कारोबारियों ने मिलकर काम करने की इच्छा जताई है. ऊबर के सीईओ और अडानी ग्रुप (Adani Group) के चेयरमैन के बीच भारत की आर्थिक तरक्की को लेकर चर्चा हुई. साथ ही भारतीय उपमहाद्वीप को लेकर ऊबर (Uber) के प्लान पर भी वार्ता की गई. गौतम अडानी ने भारतीय ड्राइवरों का जीवन बेहतर करने और इलेक्ट्रिक वेहिकल को बढ़ावा देने के लिए ऊबर की प्रशंसा भी की.
An absolutely terrific conversation with @gautam_adani over delicious breakfast about India’s phenomenal growth and rising entrepreneurship. @Uber is committed to scaling up shared mobility and accelerating transition to EVs – looking forward to take our partnership to the next… https://t.co/0g6uSYEWh8
— dara khosrowshahi (@dkhos) February 24, 2024
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर मुलाकात को शानदार बताया
ऊबर के सीईओ डारा खोसरोवशाही इन दिनों भारत में हैं. उन्होंने गौतम अडानी के साथ नाश्ते के दौरान हुई मुलाकात को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर साझा किया. इसमें उन्होंने कहा कि यह एक शानदार मुलाकात थी. वह अडानी ग्रुप के साथ काम करना चाहते हैं. गौतम अडानी ने भी इस मुलाकात के बारे में एक्स पर अपने अनुभव बताए. उन्होंने लिखा कि वह भविष्य में ऊबर के साथ काम करना चाहेंगे. कंपनी ने भारत में अच्छा काम किया है.
ऊबर ने ओएनडीसी के साथ साइन किया एमओयू
ऊबर ने 22 फरवरी को ही भारत के ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ONDC) के साथ एमओयू साइन किया था. कंपनी ओएनडीसी की मदद से ऊबर एप पर ज्यादा से ज्यादा मोबिलिटी ऑफर देना चाहती है. ओएनडीसी के साथ मिलकर ऊबर ज्यादा सुरक्षित एवं सस्ती राइड सेवाएं दे सकेगी. भारत सरकार के डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटर्नल ट्रेड ने ओएनडीसी को एक नॉन प्रॉफिट प्राइवेट आर्गनाईजेशन के तौर पर बनाया है.
नंदन नीलेकणि से भी मिले थे डारा खोसरोवशाही
इससे पहले ऊबर के सीईओ डारा खोसरोवशाही ने इंफोसिस (Infosys) के चेयरमैन नंदन नीलेकणि (Nandan Nilekani) के साथ बेंगलुरु में मुलाकात की थी. उन्होंने कहा था कि दुनियाभर की कंपनियों और सरकारों को भारत के डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (DPI) से सीखना चाहिए. उन्होंने भारत की तकनीकी तरक्की का लाभ उठाने की इच्छा भी जताई थी. नंदन नीलेकणि ने जब उनसे भारत के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा था कि यह देश सबसे कठिन मार्केट में से एक है. भारतीय कस्टमर बहुत कुछ चाहते हैं और बेहद कम पैसा देना चाहते हैं. अगर ऊबर यहां सफल हो गई तो हम दुनिया में कहीं भी सफलता हासिल कर सकते हैं.
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