Home Business टैक्स डिपार्टमेंट के निशाने पर हजारों कंपनियां, सामने आए 5 साल पुराने पाप, अब देना है जवाब

टैक्स डिपार्टमेंट के निशाने पर हजारों कंपनियां, सामने आए 5 साल पुराने पाप, अब देना है जवाब

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टैक्स डिपार्टमेंट के निशाने पर हजारों कंपनियां, सामने आए 5 साल पुराने पाप, अब देना है जवाब

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जीएसटी डिपार्टमेंट इन दिनों काफी सख्ती बरत रहा है और कंपनियों को लगातार नोटिस भेजे जा रहे हैं. अभी कई बीमा कंपनियों को जीएसटी डिपार्टमेंट ने नोटिस भेजे थे. अब वित्त वर्ष 18 के मामले को लेकर हजारों कंपनियों को जीएसटी डिपार्टमेंट से नोटिस भेजे गए हैं. वहीं एक अलग मामले में सबसे बड़ी कार कंपनी मारुति सुजुकी को भी जीएसटी डिपार्टमेंट से कारण बताओ नोटिस मिला है.

एक महीने में देना है जवाब

ईटी की एक रिपोर्ट के अनुसार, अभी देश भर में हजारों कंपनियों को नोटिस भेजे गए हैं. ये नोटिस वित्त वर्ष 2017-18 के लिए हैं और उनमें टैक्स के भुगतान में कमी का दावा किया गया है. कंपनियों को भेजे गए नोटिस की डेडलाइन 30 सितंबर है. सभी कंपनियों को जीएसटी डिपार्टमेंट ने नोटिस का जवाब देने के लिए 30 दिनों का समय दिया है.

इस कारण भेजे गए हैं नोटिस

रिपोर्ट की मानें तो जीएसटी डिपार्टमेंट ने पाया था कि कंपनियों के जीएसटी आउटपुट और देनदारियां मेल नहीं खा रही थीं. इसके अलावा इनपुट टैक्स क्रेडिट, टैक्स क्रेडिट के गलत दावे, छूट प्राप्त आपूर्ति के मामलों में क्रेडिट रिवर्सल जैसे कारणों के लिए भी नोटिस भेजे गए हैं. कंपनियों को ये नोटिस पिछले एक पखवाड़े के दौरान भेजे गए हैं.

6 बीमा कंपनियों से टैक्स डिमांड

इससे पहले 6 बीमा कंपनियों को जीएसटी डिपार्टमेंट से नोटिस मिलने की खबरें सामने आई थीं. एक बीमा कंपनी आईसीआईसीआसई प्रूडेंशियल ने नोटिस मिलने के बारे में शेयर बाजारों को जानकारी भी दी थी. बीमा कंपनियों के मामले में जीएसटी डिपार्टमेंट का कहना था कि उन्होंने री-इंश्योरेंस प्रीमियम का भुगतान लिया, लेकिन आगे जीएसटी नहीं दी.

मारुति सुजुकी को भी नोटिस

एक अलग मामले में सबसे बड़ी कार कंपनी मारुति सुजुकी को भी जीएसटी डिपार्टमेंट से नोटिस मिला है. मारुति सुजुकी ने इस बारे में शुक्रवार को शेयर बाजारों को बताया. कंपनी ने बताया कि उसे यह नोटिस जुलाई 2017 से अगस्त 2022 की अवधि के लिए मिला है. जीएसटी डिपार्टमेंट ने कंपनी से ब्याज और पेनल्टी समेत टैक्स की डिमांड की है. इसके लिए कंपनी को कारण बताने के लिए कहा गया है. मारुति सुजुकी का कहना है कि वह सक्षम प्राधिकरण के समक्ष अपना रिप्लाइ सबमिट करेगी.

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