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Income Tax Savings: कई कंपनियां अपने कर्मचारियों को वित्त वर्ष की शुरुआत में CTC यानी कॉस्ट टू कंपनी में बदलाव करने की सुविधा देती हैं. CTC असल सैलरी न होकर कई चीजों से मिलकर बनती है, जैसे बेसिक पे, HRA, स्पेशल अलाउंस, वैरिएबल पे, एम्प्लॉयर EPF कंट्रीब्यूशन. स्पेशल अलाउंस में आमतौर पर फ्यूल और ट्रैवल रिम्बर्समेंट, LTA, फोन बिल रिम्बर्समेंट जैसी चीजें आती हैं. ये चीजें कर्मचारियों को सुविधा के रूप में मिलती हैं, लेकिन टैक्स भी बचाती हैं. इन खर्चों को इनकम से घटाने के बाद टैक्स का कैलकुलेशन किया जाता है, जिससे टैक्सेबल इनकम और उस पर टैक्स कम बनता है.
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