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Windfall Tax: केंद्र सरकार ने लगातार तीसरी बार कच्चे तेल और कुछ दूसरे पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स पर विंडफॉल टैक्स घटा दिया है. पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स के एक्सपोर्ट पर लगने वाले टैक्स को लेकर समीक्षा बैठक में सरकार ने देश में उत्पादित होने वाले कच्चे तेल और डीजल पर विंडफॉल टैक्स घटा दिया है. ये टैक्स स्पेशल एडीशनल एक्साइज ड्यूटी (SAED) के रूप में लिया जाता है.
कितना घटाया गया है विंडफॉल टैक्स
देश में पैदा होने वाले कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स को 5000 रुपये प्रति टन से घटाकर 1300 रुपये प्रति टन कर दिया गया है. यानी सीधा 3700 रुपये प्रति टन की राहत इस अतिरिक्त टैक्स पर दी गई है. सरकार की ओर से जारी आधिकारिक नोटिफिकेशन में इस बात की भी सूचना दी गई है कि डीजल पर एडीशनल एक्साइज ड्यूटी को 1 रुपये प्रति टन से घटाकर 50 पैसे प्रति टन कर दिया गया है.
ATF पर बढ़ाया गया टैक्स
सरकार ने एक तरफ राहत दी है तो दूसरी तरफ टैक्स भी बढ़ाया है. एविएशन टरबाइन फ्यूल या जेट फ्यूल पर टैक्स को बढ़ा दिया गया है. इसे बढ़ाकर 1 रुपये कर दिया गया है जबकि पहले इस शून्य टैक्स था यानी एटीएफ के एक्सपोर्ट पर कोई टैक्स नहीं था.
लगातार तीसरी बार सरकार ने घटाया विंडफॉल टैक्स
ये लगातार तीसरी बार है जब पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स पर विंडफॉल टैक्स की कटौती की गई है. इससे पहले 1 दिसंबर और 16 नवंबर को भी सरकार ने विंडफॉल टैक्स को घटाया था.
विंडफॉल टैक्स और इसके असर को जानें
देश में कच्चे तेल के एक्सपोर्ट पर भारत सरकार विंडफॉल टैक्स की दरों को तय करती है. इसके लिए प्रत्येक 15 दिनों में समीक्षा बैठक होती है. इसके लिए पिछले दो हफ्तों में कच्चे तेल की कीमतों के रुख के आधार पर कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स की दरों में बदलाव होता है. दरअसल इसके जरिए ऑयल मार्केटिंग कंपनियों के मुनाफे पर टैक्स लगाया जाता है जिससे वो पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स के एक्सपोर्ट से ज्यादा घरेलू डिमांड को पूरा करने के प्रोत्साहित हों. जुलाई 2022 से पेट्रोल, डीजल और एटीएफ पर विंडफॉल टैक्स का सिलसिला शुरू हुआ था.
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