Home Business दालों की महंगाई को लेकर सरकार सतर्क, ड्यूटी फ्री अरहर – उड़द इंपोर्ट की अवधि को किया एक्सटेंड

दालों की महंगाई को लेकर सरकार सतर्क, ड्यूटी फ्री अरहर – उड़द इंपोर्ट की अवधि को किया एक्सटेंड

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दालों की महंगाई को लेकर सरकार सतर्क, ड्यूटी फ्री अरहर – उड़द इंपोर्ट की अवधि को किया एक्सटेंड

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Pulses Price Hike: दालों की महंगाई ने मोदी सरकार को परेशान कर रखा है. वो भी ऐसे समय जब अगले तीन महीने के बाद लोकसभा चुनावों का शंखनाद होने वाला है. ऐसे में सरकार कोई जोखिम नहीं लेना चाहती है. केंद्र सरकार ने अब उड़द, और तूर यानि अरहर दाल के इंपोर्ट के ड्यूटी फ्री आयात की अवधि को एक साल यानि 31 मार्च 2025 तक के लिए बढ़ा दिया है. जिससे आम लोगों को सस्ती दाल उपलब्ध कराई जा सके. पिछले हफ्ते सरकार ने मसूर दाल पर जीरो इंपोर्ट ड्यूटी को 31 मार्च 2025 तक एक्सटेंड कर दिया था.    

वाणिज्य मंत्रालय के अधीन आने वाले डीजीएफटी (DGFT) ने इस फैसले को लेकर गुरुवार 28 दिसंबर 2023 को नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. पहले उड़द और अरहर की ड्यूटी फ्री इंपोर्ट की अवधि 31 मार्च 2024 तक ही थी.  पर सरकार ने नोटिफिकेशन जारी कर इस अवधि को एक साल के लिए एक्सटेंड कर दिया है. 

नवंबर 2023 में खुदरा महंगाई दर में बढ़ोतरी के लिए खाद्य वस्तुओं की कीमतों में उछाल जिम्मेदार है जिसमें दालों की महंगाई में सबसे बड़ी बढ़ोतरी देखने को मिली है. नवंबर में  दालों की महंगाई दर 20.23 फीसदी पर जा पहुंची है जो अक्टूबर 2023 में 18.79 फीसदी रही थी.  

पिछले एक साल की अवधि के दौरान अरहर दाल की कीमतों पर नजर डालें तो 28 दिसंबर 2022 को अरहर दाल का औसत मुल्य 111.5 रुपये किलो था जो 28 दिसंबर 2023 को बढ़कर 152.38 रुपये किलो पर जा पहुंचा है. यानि करीब 37 फीसदी टूर दाल की कीमतों में उछाल आई है. एक साल पहले उड़द दाल 107.33 रुपये प्रति किलो में मिल रहा था जो अब 122.46 रुपये किलो में मिल रहा है.  

दाल की बढ़ती कीमतों के मद्देनजर केंद्र सरकार ने पिछले दिनों कई फैसले लिए हैं जिसमें अरहर और उरद दाल की स्टॉक लिमिट को घटाने और और उसकी अवधि को बढ़ाना शामिल है. जमाखोरी को रोकने और अरहर और उड़द दाल के बाजार में उचित मुल्य पर उपलब्धता बढ़ाने के मकसद से ये फैसला लिया गया है. इसके बावजूद दाल की कीमतों में बढ़ोतरी जारी है. 

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