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Wealth in India: भारतीयों का गोल्ड के लिए प्रेम बढ़ता ही जा रहा है. साथ ही वह अभी बैंक में रखे हुए पैसों को ही सबसे सुरक्षित मानते हैं. देश में परिवारों की आमदनी, खर्च, लाइफस्टाइल, सेविंग्स, इनवेस्टमेंट और भविष्य के प्लान के बारे में किए गए गए एक सर्वे में रोचक आंकड़े निकलकर सामने आए हैं. इस सर्वे में कर्नाटक के परिवार देश में सबसे समृद्ध निकले. उन्होंने महाराष्ट्र के परिवारों को भी पीछे छोड़ दिया है. हालांकि, दो तिहाई भारतीय अभी भी हर महीने 35 हजार से कम कमा पाते हैं. हालांकि, इलाज के बढ़ते खर्चे पूरे देश में परिवारों पर भारी पड़ रहे हैं. साथ ही ज्यादातर परिवार नौकरी चले जाने के डर में जीवन गुजार रहे हैं.
भारतीयों को लुभा नहीं पा रहे निवेश के नए विकल्प
पीटीआई के मुताबिक, भारतीयों को निवेश के नए विकल्प अभी तक लुभा नहीं पाए हैं. वह गोल्ड और बैंक में जमा पैसों को सुरक्षित इनवेस्टमेंट के तौर पर देखते हैं. लगभग 77 फीसदी भारतीय अपनी कमाई को बैंक में रखना पसंद करते हैं. साथ ही 21 फीसदी लोग गोल्ड में निवेश करने को तरजीह देते हैं. हालांकि, भारतीय परिवारों में इंश्योरेंस और शेयर मार्केट के प्रति रुझान बढ़ा है. फिर भी अभी इनकी संख्या कम है.
कर्नाटक ने महाराष्ट्र को पीछे छोड़ा
रिपोर्ट के अनुसार, कर्नाटक के परिवारों ने औसत मासिक आय के मामले में महाराष्ट्र को पीछे छोड़ दिया है. इस साल कर्नाटक में प्रति परिवार औसत मासिक आय 35,411 रुपये रही.
दो तिहाई भारतीयों की कमाई अभी भी 35 हजार के नीचे
सर्वेक्षण से पता चला कि कोविड महामारी के बाद प्रवासी मजदूर शहरों की ओर वापस लौटे हैं. इसकी वजह से 2023 में शहरी परिवारों की औसत मासिक आय 12 फीसदी बढ़कर 25,910 रुपये हो गई. मगर, अभी भी 77 फीसदी भारतीय 35,000 रुपये मासिक से कम कमाते हैं. सिर्फ 30 फीसदी परिवारों ने बताया कि पिछले 5 साल में उनकी वित्तीय स्थिति में सुधार हुआ है.
इन शहरों में होती है सबसे ज्यादा गोल्ड सेविंग
53 फीसदी परिवारों के पास अभी भी हेल्थ इंश्योरेंस नहीं है. शेयर मार्केट और म्यूचुअल फंड में पैसा लगाने वालों की संख्या भी बढ़ी है. बेंगलुरु और तिरुवनंतपुरम में सबसे ज्यादा गोल्ड सेविंग होती है. भारत में सबसे ज्यादा बीमा मदुरई के परिवारों के पास है.
इलाज के भारी खर्च के बोझ तले दबे हैं परिवार
सर्वे के मुताबिक, अचानक आई गंभीर बीमारी की वजह से इस साल लगभग 22 फीसदी भारतीयों को अपनी जीवन भर की बचत गंवानी पड़ी है. साथ ही 56 फीसदी परिवार नौकरी छूटने के डर के बीच जी रहे हैं. देश में 3 फीसदी परिवार अगले 6 महीने में दोपहिया वाहन या कार खरीदने की योजना बना रहे हैं. साथ ही 10 फीसदी स्मार्टफोन खरीदना चाहते हैं.
20 राज्यों के 35 हजार घरों में किया गया सर्वे
इस सर्वे में 20 राज्यों के 1,170 स्थानों और 115 जिलों में फैले 35,000 से अधिक घरों को शामिल किया गया. यह सर्वेक्षण रिसर्च ट्राइएंगल इंस्टिट्यूट (आरटीआई) इंटरनेशनल के सहयोग से किया गया.
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