Home Business नई ऊंचाई पर पहुंच गया भारतीय शेयर बाजार, अब इस सप्ताह में क्या होगा!

नई ऊंचाई पर पहुंच गया भारतीय शेयर बाजार, अब इस सप्ताह में क्या होगा!

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नई ऊंचाई पर पहुंच गया भारतीय शेयर बाजार, अब इस सप्ताह में क्या होगा!

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घरेलू शेयर बाजारों (Indian Share Market) के लिए पिछला सप्ताह काफी शानदार और उपलब्धियों से भरा रहा. वैसे तो बाजार में कोई जबरदस्त रैली देखने को नहीं मिली, लेकिन इसके बाद भी दोनों प्रमुख सूचकांक यानी बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) और एनएसई निफ्टी (NSE Nifty) अपने इतिहास के नए उच्चतम स्तर तक पहुंचने में कामयाब रहे. इसके बाद अब सोमवार 19 जून से नया कारोबारी सप्ताह शुरू होने वाला है.

सेंसेक्स ने बनाया ये नया रिकॉर्ड

आगे बढ़ने से पहले पिछले सप्ताह का हाल अच्छे से जान लेते हैं. शुक्रवार को बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी अपने सर्वकालिक उच्चस्तर (Share Market Lifetime High) पर बंद हुए था. बीते सप्ताह के दौरान बीएसई सेंसेक्स में 758.95 अंक यानी 1.21 फीसदी की तेजी आई. शुक्रवार को सेंसेक्स 466.95 अंक यानी 0.74 फीसदी चढ़कर  63,384.58 अंक के रिकॉर्ड स्तर पर बंद हुआ. यह सेंसेक्स के लिए इतिहास में क्लोजिंग का नया सबसे उच्च स्तर है.

निफ्टी का भी नया लाइफटाइम हाई

इससे पहले एक दिसंबर, 2022 को सेंसेक्स 63,284.19 अंक के स्तर स्तर पर बंद हुआ था. इसी तरह निफ्टी 137.90 अंक यानी 0.74 फीसदी चढ़कर 18,826 के नए रिकॉर्ड पर बंद हुआ. निफ्टी का पिछला रिकॉर्ड स्तर 18,812.50 अंक का था. इस तरह देखें तो दोनों प्रमुख सूचकांकों ने बीते सप्ताह के दौरान नया रिकॉर्ड बनाया.

चाल पर असर डालेंगे ये सारे फैक्टर

नए सप्ताह की बात करें तो इस दौरान शेयर बाजारों की दिशा पर काफी हद तक वैश्विक शेयर बाजारों के रुख, विदेशी निवेशकों के ट्रेंड और मानसून की चाल का असर होगा. इसके अलावा निवेशकों की निगाहें रुपये के उतार-चढ़ाव और कच्चे तेल की कीमतों पर भी रहेंगी. मानसून की प्रगति आने वाले दिनों में कैसी रहती है, बाजार पर इसका भी बड़ा असर होगा. वहीं नए रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंचने से निवेशकों के द्वारा मुनाफावसूली करने का खतरा भी मंडराता रहेगा. अक्सर ऐसा देखा गया है कि बाजार के उच्च स्तर पर पहुंचने से बिकवाली को बढ़ावा मिल जाता है.

बीते सप्ताह के दौरान इनसे मिली मदद

अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में बढ़ोतरी नहीं की है, जिससे स्थानीय बाजार की धारणा मजबूत हुई. इसके अलावा सकारात्मक वैश्विक संकेतों तथा विदेशी निवेशकों की लिवाली से भी बाजार को मदद मिली है.

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