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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार देश में बुनियादी संरचना के विकास पर खासा जोर दे रही है. खासकर नेशनल हाईवे के मामले में तो बड़ा बदलाव आया है और रिकॉर्ड गति से इनका निर्माण हो रहा है. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, देश में पिछले नौ साल में लगभग 50,000 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण हुआ है.
इतनी हो गई एनएच की लंबाई
आंकड़ों के अनुसार, देश में 2014-15 तक राष्ट्रीय राजमार्गां की कुल लंबाई 97,830 किलोमीटर थी, जो मार्च 2023 में बढ़कर 1,45,155 किलोमीटर हो गई है. साल 2014-15 में जहां प्रतिदिन 12.1 किलोमीटर सड़क निर्माण हो रहा था, 2021-22 में देश में सड़क निर्माण की रफ्तार बढ़कर 28.6 किलोमीटर प्रतिदिन हो गई है.
ऐसे जानें सड़कों का महत्व
आपको बता दें कि सड़क और राजमार्ग की किसी देश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका होती है. सड़क परिवहन न केवल आर्थिक विकास के लिए बल्कि सामाजिक विकास और रक्षा क्षेत्रों के साथ-साथ जीवन की बुनियादी चीजों तक पहुंच का आधार है. एक रिपोर्ट के अनुसार, हर साल लगभग 85 फीसदी यात्रियों का आवागमन और 70 फीसदी माल की ढुलाई सड़क मार्ग से होती है. इससे राजमार्गों के महत्व का पता चलता है.
भारत में दूसरा सबसे बड़ा नेटवर्क
भारत में लगभग 63.73 लाख किलोमीटर लंबा सड़क नेटवर्क है, जो दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा है. भारत सरकार ने देश में राष्ट्रीय राजमार्ग ढांचे की क्षमता बढ़ाने के लिए पिछले नौ साल में कई कार्यक्रम लागू किए हैं. भारतमाला परियोजना के तहत 1,386 किलोमीटर के देश के सबसे बड़े एक्सप्रेसवे दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे का विकास किया जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसके दिल्ली-दौसा-लालसोट खंड का उद्घाटन पहले ही कर चुके हैं.
बनने वाला है नया रिकॉर्ड
इससे पहले हाल ही में ऐसी खबरें आई थीं कि सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने चालू वित्त वर्ष के दौरान सड़क निर्माण का एक आंतरिक लक्ष्य तय किया है. सरकार का प्रयास है कि चालू वित्त वर्ष के दौरान औसतन रोज 45 किलोमीटर लंबाई की सड़क का निर्माण हो. अगर इस स्पीड से सड़क बनी तो अप्रैल 2023 से मार्च 2024 के दौरान देश में 16 हजार किलोमीटर से ज्यादा लंबी सड़कें तैयार होंगी.
इस तरह से बन रही सड़कें
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय पिछले लगातार दो वित्त वर्ष से सड़क बनाने के लक्ष्य को पाने में असफल हो जा रहा है. इससे पहले वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान सबसे तेज गति से सड़कें बनाने का रिकॉर्ड कायम हुआ था. वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान 13,298 किलोमीटर लंबी सड़कों का निर्माण हुआ था. इसका मतलब हुआ कि आलोच्य अवधि में हर रोज 36.4 किलोमीटर सड़कों का निर्माण हुआ.
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