Home Business पूर्व सेबी प्रमुख दामोदरन को झटका, 200 करोड़ से ज्यादा का लगा जुर्माना

पूर्व सेबी प्रमुख दामोदरन को झटका, 200 करोड़ से ज्यादा का लगा जुर्माना

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पूर्व सेबी प्रमुख दामोदरन को झटका, 200 करोड़ से ज्यादा का लगा जुर्माना

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<p>बाजार नियामक सेबी के पूर्व प्रमुख एम दामोदरन को एक इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन कोर्ट ने बड़ा झटका दिया है. उनके ऊपर कॉन्ट्रैक्ट लॉसूट का उल्लंघन करने के कारण 200 करोड़ रुपये से ज्यादा का जुर्माना लगाया गया है.</p>
<h3>दामोदरन को करना होगा इतना भुगतान</h3>
<p>बिजनेस वर्ल्ड की एक रिपोर्ट के अनुसार, सेबी के पूर्व प्रमुख को मामले में 24.84 मिलियन डॉलर का जुर्माना भरने के लिए कहा गया है. भारतीय करेंसी में जुर्माने की यह रकम करीब 206 करोड़ रुपये हो जाती है. रिपोर्ट के अनुसार, यह जुर्माना अपहेल्थ और ग्लोकल हेल्थकेयर सिस्टम्स से जुड़े एक मामले में लगा है. यह जुर्माना अमेरिका में इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन के द्वारा लगाया गया है.</p>
<h3>टोटल 920 करोड़ रुपये का जुर्माना</h3>
<p>अपहेल्थ न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टेड कंपनी है. पूर्व सेबी प्रमुख एम दामोदरन ग्लोकल हेल्थकेयर सिस्टम्स में शेयरहोल्डर हैं. दामोदरन के अलावा ग्लोकल हेल्थकेयर सिस्टम्स, उसके प्रमोटर्स, प्रमुख शेयरधारकों और डाइरेक्टर्स के ऊपर भी जुर्माना लगा है. रिपोर्ट के अनुसार, कोर्ट ने सब मिलाकर 110.2 मिलियन डॉलर यानी करीब 920 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है.</p>
<h3>इस कारण चल रहा है विवाद</h3>
<p>यह मामला ग्लोकल हेल्थकेयर सिस्टम्स में अपहेल्थ के द्वारा हिस्सेदारी खरीदने से जुड़ा हुआ है. कोर्ट में अपहेल्थ ने दावा किया है कि उसने ग्लोकल हेल्थकेयर सिस्टम्स में 94.81 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने के लिए कैश, स्टॉक और डेट में 2,100 करोड़ रुपये का भुगतान किया. हालांकि उसके बाद भी प्रमोटर्स और डाइरेक्टर्स ने उसे मैनेजमेंट का कंट्रोल नहीं दिया. अपहेल्थ का आरोप है कि उसके साथ ग्लोकल हेल्थकेयर सिस्टम्स के फाइनेंशियल स्टेटमेंट भी शेयर नहीं किए गए.</p>
<h3>शिकागो ट्रिब्यूनल में चल रही सुनवाई</h3>
<p>इससे पहले अपहेल्थ ने एक भारतीय अदालत को बताया था कि शेयर पर्चेज एग्रीमेंट की शर्तों के अनुसार सौदे के दौरान पार्टियां अमेरिका में आर्बिट्रेशन को लेकर सहमत हुई थीं. ग्लोकल हेल्थकेयर सिस्टम्स उस समय अपहेल्थ को यूएस आर्बिट्रेशन में जाने से रोकने का प्रयास कर रही थी और उसने भारतीय अदालत का दरवाजा खटखटाया था. अभी मामले की सुनवाई इंटरनेशनल चैंबर ऑफ कॉमर्स के बैनर तले शिकागो ट्रिब्यूनल में हो रही है.</p>
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