Home Business फिच का अनुमान, 2024-25 में 7% रह सकती है GDP, इस वर्ष की दूसरी छमाही में सस्ता होगा कर्ज!

फिच का अनुमान, 2024-25 में 7% रह सकती है GDP, इस वर्ष की दूसरी छमाही में सस्ता होगा कर्ज!

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फिच का अनुमान, 2024-25 में 7% रह सकती है GDP, इस वर्ष की दूसरी छमाही में सस्ता होगा कर्ज!

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India GDP Data: एक अप्रैल 2024 से शुरू हो रहे नए वित्त वर्ष 2024-25 के लिए रेटिंग एजेंसी फिच ने भारत के जीडीपी अनुमान को बढ़ा दिया है. फिच ने अगले वित्त वर्ष के लिए भारत के आर्थिक विकास दर के अनुमान को 6.5 फीसदी से बढ़ाकर 7 फीसदी कर दिया है. रेटिंग एजेंसी ने मौजूदा और अगले वित्त वर्ष के दौरान घरेलू डिमांड में जोरदार तेजी के साथ बिजनेस और कंज्यूमर के भरोसे में तेजी बने रहने के चलते भारत के विकास दर के अनुमान को बढ़ाने का फैसला किया है.  

2024-25 में 7% GDP का अनुमान 

फिच ने कहा, हमे उम्मीद है कि भारतीय अर्थव्यवस्था में तेजी बनी रहेगी और वित्त वर्ष 2024-25 के लिए दिसंबर 2023 में घोषित अनुमान में 50 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी कर इसे 7 फीसदी किया जाता है. फिच ने कहा, घरेलू डिमांड के साथ निवेश आर्थिक विकास को गति देने का काम करेगा. सांख्यिकी मंत्रालय ने मौजूदा वित्त वर्ष 2023-24 की तीसरी तिमाही अक्टूबर से दिसंबर के लिए भारत के जीडीपी का जो आंकड़ा जारी किया है उसके मुताबिक इस अवधि में भारत ने 8.4 फीसदी के दर से विकास किया है. इस शानदार आंकड़े के बाद कई रेटिंग एजेंसियों से लेकर वित्तीय संस्थान अगले वित्त वर्ष के लिए भारत के विकास दर के अनुमान को बढ़ा रहे हैं. फिच का अनुमान है कि 2023-24 में भारत का जीडीपी ग्रोथ रेट 7.8 फीसदी रह सकता है जो कि सरकार के खुद के अनुमान 7.6 फीसदी से भी ज्यादा है. 

चौथी तिमाही में विकास की रफ्तार रहेगी धीमी 

फिच ने अपने लेटेस्ट ग्लोबल इकोनॉमिक आउटलुक रिपोर्ट में कहा कि इंवेस्टमेंट ग्रोथ रेट में साल दर साल 10.6 फीसदी के इजाफे और निजी खपत में 3.5 फीसदी के ग्रोथ के चलते हर तिमाही में देश के आर्थिक विकास के आंकड़े ने सभी अनुमानों के पीछे छोड़ा है. फिच के मुताबिक तीन तिमाही से लगातार भारत का आर्थिक विकास दर 8 फीसदी से ज्यादा रहा है. हालांकि मौजूदा वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में इसके 8 फीसदी से कम 7.8 फीसदी रहने का अनुमान है. 

2024 की दूसरी छमाही में सस्ता होगा कर्ज 

फिच रेटिंग्स के मुताबिक 2023 के आखिरी महीनों में खाद्य वस्तुओं की कीमतों में उछाल के चलते कंज्यूमर प्राइस इंफ्लेशन में तेजी देखने को मिली है. खुदरा महंगाई दर दिसंबर 2023 में 5.7 फीसदी रही है जो फरवरी 2024 में घटकर 5.1 फीसदी पर आ गई है. फिच के मुताबिक महंगाई दर के 4 फीसदी तक लाने के आरबीआई के लक्ष्य को हासिल करने में खाद्य वस्तुओं की कीमतों पर निर्भर करेगा. हालांकि रेटिंग एजेंसी का मानना है कि 2024 के आखिर तक खाद्य वस्तुओं की कीमतें स्थिर होने पर महंगाई दर 4 फीसदी तक आ जाएगी. फिच रेटिंग एजेंसी के मुताबिक आरबीआई 2024 की दूसरी छमाही में पॉलिसी रेट्स में 50 बेसिस प्वाइंट्स की कटौती कर सकता है. 

ग्लोबल ग्रोथ अनुमान में बढ़ोतरी

फिच रेटिंग्स ने ग्लोबल इकोनॉमिक ग्रोख के अनुमान को भी 2024 के लिए बढ़ाने का फैसला किया है. फिच ने वैश्विक आर्थिक विकास दर के अनुमान में 0.3 फीसदी की बढ़ोतरी कर 2024 के लिए इसे बढ़ाकर 2.4 फीसदी कर दिया है.  

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