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Banks GNPA Update: देश के बैंको के ग्रॉस एनपीए (Gross Non-Performing Assets) में कमी आई है. बैंकिंग सेक्टर के रेग्यूलेटर भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा है कि साल 2018-19 में बैंकों के एसेट क्वालिटी में सुधार की प्रक्रिया की शुरुआत हुई थी वो वित्त वर्ष 2022-23 और 2023-24 के पहले छमाही में भी जारी रही जिसके बाद सितंबर 2023 की समाप्ति पर बैंकों का ग्रॉस नॉन परफॉर्मिंग एसेट (GNPA) घटकर 3.2 फीसदी पर आ गया है.
भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकिंग सेक्टर के ट्रेंड्स और प्रोग्रेस को लेकर ( Report on Trend and Progress of Banking in India 2022-23) नाम से रिपोर्ट जारी की है. इस रिपोर्ट में बैंकिंग सेक्टर, के प्रदर्शन का जिक्र किया गया है जिसमें 2022-23 और 2023-24 के दौरान को-ऑपरेटिव बैंकों और एनबीएफसी का प्रदर्शन भी शामिल है. रिपोर्ट के मुताबिक रिटेल और सर्विसेज सेक्टर्स को क्रेडिट में बढ़ोतरी, बैंकों में डिपॉजिट बढ़ने के चलते शेड्यूल कमर्शियल बैंकों के बैलेंसशीट में 2022-23 में 12.2 फीसदी का उछाल देखने को मिला है. हालांकि बैंकों का डिपॉजिट ग्रोथ क्रेडिट ग्रोथ रेट के मुकाबले कम रहा है.
आरबीआई के रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 2023-24 की पहली छमाही सितंबर में खत्म होने पर बैंकों का ग्रॉस एनपीए घटकर 3.2 फीसदी पर आ गया है जो मार्च महीने के खत्म होने पर 3.9 फीसदी था. 2022-23 में ब्याज से कमाई यानि नेट इंटरेस्ट इनकम के ज्यादा रहने और कम प्रॉविजनिंग के चलते बैंकों के नेट इंटरेस्ट मार्जिन (NIM) और मुनाफे में उछाल देखने को मिला है.
बैंकिंग सेक्टर के ट्रेंड्स और प्रोग्रेस रिपोर्ट में बताया गया है कि 2022-23 में पर्सनल लोन और सर्विसेज सेक्टर को ज्यादा लोन दिए जाने के चलते ग्रॉस बैंक क्रेडिट में तेजी देखने को मिली है. पर्सनल लोन में क्रेडिट कार्ड लोन जेसै अनसिक्योर्ड लेंडिंग में उछाल रहा है. एनबीएफसी को ज्यादा कर्ज दिए जाने के चलते सर्विसेज सेक्टर के लेडिंग में ग्रोथ आया है. आरबीआई की इस रिपोर्ट के मुताबिक सितंबर 2023 तक बैंकों का ग्रॉस एनपीए सबसे ज्यादा कृषि क्षेत्र में रहा है. जबकि सबसे कम रिटेल लोन में देखने को मिला है.
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