Home Business भारतीय कॉरपोरेट्स पर हिंडनबर्ग जैसे संकट की आहट! ‘बड़े खुलासे’ करने की तैयारी में OCCRP-सूत्र

भारतीय कॉरपोरेट्स पर हिंडनबर्ग जैसे संकट की आहट! ‘बड़े खुलासे’ करने की तैयारी में OCCRP-सूत्र

0
भारतीय कॉरपोरेट्स पर हिंडनबर्ग जैसे संकट की आहट! ‘बड़े खुलासे’ करने की तैयारी में OCCRP-सूत्र

[ad_1]

Hindenburg 2.0! भारतीय बाजार में 24 जनवरी को हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) की अडानी समूह पर रिपोर्ट क्या आई, अडानी शेयरों में जबरदस्त गिरावट का दौर शुरू हो गया था. इसके असर से कमोबेश आज भी अडानी समूह को जूझना पड़ रहा है क्योंकि मामले की जांच अभी भी चल रही है और भारतीय शेयर बाजार नियामक सेबी ने इस मामले में रिपोर्ट सौंपने के लिए समय मांगा था. हालांकि अब ऐसी ही खबर आई है कि जिसमें बताया गया है कि देश के कुछ कॉरपोरेट घरानों के बारे में एक रिपोर्ट आने वाली है जिसमें कुछ बड़े खुलासे हो सकते हैं. इसके बाद आशंका हो रही है कि देश में औद्योगिक समूहों में फिर से जनवरी 2023 जैसा माहौल बनाने की कोशिश की जा सकती है.

देश के कुछ कॉरपोरेट घराने निशाने पर

सूत्रों के मुताबिक इस बात की जानकारी मिली है कि एक गैर सरकारी संगठन जिसका नाम आर्गेनाइज्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट है, भारत के कुछ कॉरपारेट घरानों के बारे में बड़े खुलासे करने की तैयारी में है. सूत्रों ने कहा कि खुलासे में संबंधित कॉरपोरेट घराने के शेयरों में निवेश करने वालों में विदेशी फंड्स के शामिल होने की बात हो सकती है. अमेरिकी फाइनेंशियल रिसर्च एंड इंवेस्टमेंट कंपनी हिंडनबर्ग की अडानी समूह पर गड़बड़ी के आरोपों वाली रिपोर्ट के बाद ये दूसरा कथित ‘खुलासा’ भारतीय कॉरपोरेट्स के लिए झटके वाला साबित ना हो जाए-ऐसा डर बन रहा है. लिहाजा देश की एजेंसियां ​​कैपिटल मार्केट पर कड़ी निगरानी रख रही हैं.

क्या है पूरी खबर

सूत्रों के मुताबिक जॉर्ज सोरोस और रॉकफेलर ब्रदर्स फंड जैसी यूनिट्स की फंडिंग वाली आर्गेनाइज्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट यानी ओसीसीआरपी भारत के कई औद्योगिक घरानों के बारे में कुछ खुलासा कर सकता है. हालांकि सूत्रों ने ये नहीं बताया कि किन कॉरपोरेट्स के बारे में ये खुलासे हो सकते हैं  लिहाजा कॉरपोरेट घराने की पहचान फिलहाल नहीं हो पाई है. 

रिपोर्ट या आर्टिकल्स की सीरीज आ सकती है

मामले की जानकारी रखने वाले तीन सूत्रों ने कहा कि खुद को एक खोजी रिपोर्टिंग प्लेटफॉर्म कहने वाला ओसीसीआरपी औद्योगिक घराने के बारे में रिपोर्ट्स या आर्टिकल्स की कोई सीरीज पब्लिश कर सकता है. हालांकि OCCRP को ई-मेल भेजकर इस खबर से संबंधित सवाल पूछे जा चुके हैं लेकिन संगठन की तरफ से फिलहाल कोई जवाब नहीं दिया गया है.

क्या है OCCRP

संगठन की वेबसाइट के मुताबिक साल 2006 में OCCRP स्थापित हुआ था और ये ऑर्गेनाइजेशन संगठित अपराध पर रिपोर्टिंग में स्पेशियलिटी का दावा करता है. ओसीसीआरपी मीडिया घरानों के साथ साझेदारी के जरिये रिपोर्ट्स और आर्टिकल को पब्लिश करता है. ओपन सोसायटी फाउंडेशन इस जॉर्ज सोरोस की यूनिट को अनुदान देती है. गौरतलब है कि जॉर्ज सोरोस के OCCRP को जिन अन्य संगठनों से फंडिग या वित्तीय मदद मिलती है, उसमें फोर्ड फाउंडेशन, रॉकफेलर ब्रदर्स फंड और ओक फाउंडेशन शामिल हैं. जॉर्ज सेरोस के इस संगठन को संगठित अपराध और भ्रष्टाचार रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट के लिए तौर पर जाना जाता है. इसका गठन एशिया और लैटिन अमेरिका के अलावा यूरोप, अफ्रीका में फैले 24 नॉन प्रॉफिट इंवेस्टिगेशन सेंटर्स ने किया है. 

ये भी पढ़ें

Petrol Diesel Price: नोएडा से लेकर पटना तक कई जगहों पर बदल गए पेट्रोल-डीजल के दाम, जानें आपके शहर का हाल

[ad_2]

Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here