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Indian Startup Funding: भारतीय स्टार्टअप्स के लिए फंडिंग में भारी गिरावट हुई है. फंडिंग और डील की संख्या अप्रैल में नौ साल के निचले स्तर पर पहुंच गई है. इन कंपनियों के लिए यह बड़ी चुनौती होगी. अप्रैल में 58 डील में भारतीय स्टार्टअप्स में एंजल निवेश और वेंचर कैपिटल फंडिंग 381 मिलियन डॉलर रही है.
VCCircle के रिसर्च के मुताबिक, यह नौ साल में सबसे कम फंडिंग है. इससे पहले अप्रैल 2014 में सबसे कम आंकड़ा था, जब 108 मिलियन डॉलर के 50 डील का एलान किया गया था. अप्रैल 2022 में भारतीय स्टार्टअप्स ने कुल 3.3 अरब डॉलर के 146 डील्स किए थे. वहीं 2023 में अब तक जुटाई गई कुल राशि अभी तक अकेले अप्रैल 2022 में दर्ज राशि के आसपास भी नहीं है.
मार्च में भी हुई अच्छी फंडिंग
इस साल मार्च में 1.1 अरब डॉलर के स्टार्टअप फंडिंग ट्रांजेक्शन हुए. वहीं फरवरी की संशोधित संख्या 482 मिलियन थी, लेनि मार्च 2022 में दर्ज किए गए डील्स के कुल प्राइस आधे से भी कम थे. साल 2021 के दौरान भी भारतीय स्टार्टअप्स फंडिंग में ज्यादा उछाल आया था. यहां प्राइवेट इक्विटी इंवेस्टरों ने स्थानीय कंपनियों में अरबों डॉलर डाले.
स्टॉर्टप्स के लिए अच्छा रहा साल 2021
भारत 2021 में 100 यूनिकॉर्न या 1 बिलियन डॉलर या उससे ज्यादा के प्राइस वाले स्टार्टअप्स ने अच्छी उछाल दर्ज की थी. हालांकि शेयर बाजार में सुधार होने के साथ ही केंद्रीय बैंक ने लोन का ब्याज भी बढ़ाया, जिस कारण स्टार्टप्स में फंडिंग कम होने लगी और साल 2023 के अप्रैल में ये आंकड़ा 9 साल के निचले स्तर पर पहुंच गया.
क्यों कम हुई फंडिंग
दुनिया भर में आर्थिक मंदी की आशंका, शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव और लोन के ब्याज में इजाफे के कारण निवेशक दूर हुए हैं. निवेशक स्टार्टअप्स में पैसा लगाने से कतरा रहे हैं. इस कारण स्टार्टप्स में भारी पैसों की कमी आ रही है. इसी का असर ये हुआ है कि अच्छी-अच्छी स्टार्टअप्स कंपनियां भारी मात्रा में कर्मचारियों की कटौती कर रही हैं.
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