Home Business महिलाओं के लिए आसान नहीं बड़ी नौकरी की राह, आईटी और बैंकिंग सेक्टर में भी बुरा हाल 

महिलाओं के लिए आसान नहीं बड़ी नौकरी की राह, आईटी और बैंकिंग सेक्टर में भी बुरा हाल 

0
महिलाओं के लिए आसान नहीं बड़ी नौकरी की राह, आईटी और बैंकिंग सेक्टर में भी बुरा हाल 

[ad_1]

<p style="text-align: justify;"><span style="font-weight: 400;"><strong>Top Leadership for Woman:</strong> महिलाओं के लिए अच्छी नौकरी हासिल करना और उसे बचाए रखना पुरुषों के मुकाबले कठिन काम माना जाता है. यही वजह है कि तमाम बदलावों के बावजूद कंपनियों में महिलाओं का टॉप लीडरशिप में जाना अभी भी इतना आसान नहीं है. भारतीय कंपनियों में महिला कर्मचारियों की संख्या सिर्फ 22 फीसदी है. यदि हम टॉप लीडरशिप पोजीशन को देखें तो यह आंकड़ा और गिरकर सिर्फ 20 फीसदी ही रह जाता है. सीईओ और सीएफओ जैसे वरिष्ठ पदों पर तो इनका आंकड़ा और भी कम रह जाता है, जो कि चिंता का विषय है.&nbsp;</span></p>
<h3 style="text-align: justify;"><strong>सीईओ-सीएफओ नहीं बन पा रहीं महिलाएं</strong></h3>
<p style="text-align: justify;"><span style="font-weight: 400;">डेलॉयट ग्लोबल वुमेन इन बोर्डरूम स्टडी के 7वें एडीशन में दावा किया गया है कि भारत में सिर्फ 5 फीसदी सीईओ और 4 फीसदी सीएफओ के पद महिलाओं के पास हैं. यहां तक की आईटी और बैंकिंग सेवाओं में भी इनकी हिस्सेदारी संतोषजनक नहीं है. इन सेक्टर्स में महिला कर्मचारियों की संख्या सबसे ज्यादा है. इसके बावजूद ज्यादा महिलाएं बड़े पदों पर पहुंचने में नाकाम हैं.&nbsp;</span></p>
<h3 style="text-align: justify;"><strong>आईटी सेक्टर में सबसे ज्यादा महिला कर्मचारी और अधिकारी</strong></h3>
<p style="text-align: justify;"><span style="font-weight: 400;">सीएफए इंस्टिट्यूट के सर्वे में पता चला कि आईटी सेक्टर में सबसे ज्यादा 18.7 फीसदी महिला कर्मचारी और अधिकारी हैं. साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और मैथ्स में महिला ग्रेजुएट की संख्या भारत में पूरी दुनिया से ज्यादा है. मगर, इनमें से सिर्फ एक तिहाई ही अच्छी नौकरियों में जा पाती हैं. इनमें से भी ज्यादातर पांच साल के अंदर अपना कैरियर खत्म कर लेती हैं. इसके लिए काम करने के गलत तौर तरीके, दुर्भावना, पक्षपात, समान अवसरों का न होना समेत कई चीजें जिम्मेदार हैं.</span></p>
<h3 style="text-align: justify;"><strong>बड़े पद पर मौजूद महिला करती है प्रोत्साहित&nbsp;</strong></h3>
<p style="text-align: justify;"><span style="font-weight: 400;">वित्तीय सेवा कंपनियों में भी यही हाल है. एनएसडीएल की एमडी एवं सीईओ पद्मजा चुंदरू का कहना है कि महिलाएं नौकरी और परिवार के बीच पीसकर रह जाती हैं. जिम्मेदारियों के चलते वह उच्च पदों के मौकों को हासिल नहीं कर पातीं. यदि कोई महिला बड़े पद पर हो तो वह कंपनी में मौजूद अन्य महिलाओं को भी प्रोत्साहित कर पाती है.&nbsp;</span></p>
<h3 style="text-align: justify;"><strong>10 साल में सुधरा है माहौल&nbsp;</strong></h3>
<p style="text-align: justify;"><span style="font-weight: 400;">केपीएमजी की सुजाता शिवशंकर का कहना है कि पिछले 10 साल में भारतीय कॉरपोरेट जगत में उच्च पदों पर महिलाओं की स्थिति में काफी सुधार आया है. फिलहाल यह आंकड़ा लगभग 27 फीसदी है. हमें इसे 50 फीसदी पर ले जाने के बारे में सोचना होगा. समान अवसर, समान वेतन और बेहतर माहौल देकर हम कंपनियों में टॉप लेवल पर महिलाओं की हिस्सेदारी बढ़ा सकते हैं.</span></p>
<p style="text-align: justify;"><strong>ये भी पढ़ें&nbsp;</strong></p>
<p style="text-align: justify;"><a href="https://www.abplive.com/business/this-boy-earned-2-5-crore-rupees-while-doing-two-jobs-at-the-same-time-2563404"><strong>Moonlighting: एक साथ दो नौकरियां कर 2.5 करोड़ रुपये कमा डाले, इस युवा की छप्परफाड़ कमाई से सब हैरान&nbsp;</strong></a></p>

[ad_2]

Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here