Home Business मिलिए अजीम प्रेमजी के बेटे रिशद से, जानिए क्यों ले रहे आधी सैलरी 

मिलिए अजीम प्रेमजी के बेटे रिशद से, जानिए क्यों ले रहे आधी सैलरी 

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मिलिए अजीम प्रेमजी के बेटे रिशद से, जानिए क्यों ले रहे आधी सैलरी 

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Rishad Premji: अजीम प्रेमजी भारतीय कारोबार जगत की वो शख्सियत हैं, जिन्हें पहचान की कोई जरूरत नहीं है. उन्होंने विप्रो को एफएमसीजी कंपनी के तमगे से उठाकर देश की दिग्गज आईटी कंपनी बना दिया. अजीम प्रेमजी ने मात्र 21 वर्ष की उम्र में विप्रो की कमान संभाली थी और उसे 2.70 लाख करोड़ रुपये की कंपनी बना दिया. इसके बाद वह रिटायर होकर दानार्थ कामों में लग गए. समाज सेवा के कार्यों में भी उन्होंने पूरी दुनिया में अपनी पहचान बना ली. उन्होंने कंपनी की कमान अपने बेटे रिशद प्रेमजी के हाथों में सौंप दी थी. विप्रो चेयरमैन रिशद प्रेमजी ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए सिर्फ 8 करोड़ रुपये ही सैलरी के तौर पर लिए. यह उनकी आधी सैलरी है. उन्होंने ऐसा विप्रो आईटी सर्विसेज की कमाई में आई कमी के चलते लिया.

भारत के सबसे उदार व्यक्ति हैं अजीम प्रेमजी

अजीम प्रेमजी (Azim Premji) को भारत के सबसे उदार व्यक्ति होने का दर्जा हासिल है. उन्हें अपने विजन और दानार्थ कार्यों के लिए पहचाना जाता है. वह रिटायर होने से पहले लगभग दो दशक तक देश के सबसे अमीर आदमियों की लिस्ट में शामिल रहे थे. एडेलगिव हुरून फिलांथ्रोपी लिस्ट 2023 (Hurun India) के अनुसार, पिछले साल ही अजीम प्रेमजी और उनके परिवार ने लगभग 1774 करोड़ रुपये दान किए थे. उनके बेटे रिशद प्रेमजी (Rishad Premji) में भी अपने पिता की तरह ही गुण हैं. उन्होंने जब कंपनी को संकट में देखा तो खुद ही अपनी सैलरी आधी कर ली. 

रिशद प्रेमजी ने 2007 में संभाली थी विप्रो की कमान 

अजीम प्रेमजी ने विप्रो का 53 साल तक नेतृत्व करने के बाद उसे अपने बेटे रिशद प्रेमजी को सौंपा था. रिशद प्रेमजी ने साल 2007 में विप्रो ज्वॉइन की थी. साल 2019 में एग्जीक्यूटिव चेयरमैन बनने से पहले उन्होंने कई पदों पर काम किया. वेसलियन यूनिवर्सिटी से इकोनॉमिक्स की पढ़ाई करने के बाद उन्होंने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से एमबीए किया था. रिशद नैसकॉम के चेयरमैन भी रहे हैं. अब वह ग्लोबल कंपनी विप्रो को संभाल रहे हैं, जिसमें फिलहाल लगभग 2.50 लाख लोग काम करते हैं.

कंपनी के खराब प्रदर्शन पर आधी कर ली सैलरी 

रिशद प्रेमजी अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ बेंगलुरु में रहते हैं. उन्होंने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए सिर्फ 8 करोड़ रुपये (951,353 डॉलर) ही वेतन ली थी. विप्रो आईटी सर्विसेज बिजनेस के नकारात्मक प्रदर्शन के चलते उन्होंने आधी वेतन लेने का फैसला खुद ही लिया था. कोविड-19 के दौरान भी रिशद ने अपनी वेतन में 31 फीसदी कटौती की थी. रिशद प्रेमजी विप्रो इंटरप्राइजेज, विप्रो जीई और अजीम प्रेमजी फाउंडेशन के बोर्ड में भी शामिल हैं.

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