Home Business मुंबई में धारावी रीडेवपलेपमेंट प्रोजेक्ट को लेकर अडानी ग्रुप पर लगे आरोप, कैंसिल करने की मांग!

मुंबई में धारावी रीडेवपलेपमेंट प्रोजेक्ट को लेकर अडानी ग्रुप पर लगे आरोप, कैंसिल करने की मांग!

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मुंबई में धारावी रीडेवपलेपमेंट प्रोजेक्ट को लेकर अडानी ग्रुप पर लगे आरोप, कैंसिल करने की मांग!

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Dharavi Redevelopment Project: एशिया की सबसे बड़ी स्लम धारावी एक बार फिर चर्चा में है. मुंबई में इस स्थित इस स्लम को नया रूप देने के लिए बनाए गए धारावी रीडेवलपमेंट प्रोजेक्ट (Dharavi Redevelopment Project) का फिर से विरोध होने लगा है. लगभग 20 साल पहले शुरू किया गया यह प्रोजेक्ट किसी न किसी कारण से अटकता ही रहता है. अब यह प्रोजेक्ट अडानी ग्रुप की कंपनी को दिए जाने का विरोध होने लगा है. महाराष्ट्र सरकार ने जुलाई में 259 हेक्टेयर क्षेत्र रीडवलपमेंट के लिए अडानी समूह की कंपनी को सौंप दिया था. अडानी रियल्टी (Adani Realty) ने इसके लिए 5069 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी. अब महाराष्ट्र में विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने एक रैली में इस आदेश में अनियमितताओं का आरोप लगाया है. 

क्या आरोप लग रहा है इस बार 

कांग्रेस की मुंबई इकाई की अध्यक्ष वर्षा गायकवाड़ ने आरोप लगाया कि धारावी के कई लोगों को पालघर जैसे दूर के इलाकों में भेजने के लिए भारी रकम की पेशकश की गई है. साथ ही कुछ रिटायर्ड पुलिस ऑफिसर इस इलाके में घूम-घूम कर लोगों से प्रोजेक्ट का विरोध नहीं करने को बोल रहे हैं. उन्होंने मांग की कि गौतम अडानी को दिए गए इस प्रोजेक्ट के वर्क आर्डर में कई कमियां हैं. इसलिए इसे रद्द कर दिया जाना चाहिए.

क्या है विवाद 

महाराष्ट्र सरकार ने एक नोटिफिकेशन जारी कर प्रोजेक्ट के डेवलपमेंट कंट्रोल रूल्स (DCR) में बदलाव किया था. इसके तहत ट्रांसफर ऑफ डेवलपमेंट राइट्स (TDR) में आसानी से बदलाव किए जा सकेंगे. इस नियम की मदद से अडानी समूह को ज्यादा फायदा पहुंचने की आशंका जताई जा रही है.  

क्या है धारावी रीडेवलपमेंट प्रोजेक्ट

धारावी लगभग 2.8 स्क्वायर किलोमीटर में फैली स्लम है. बांद्रा-कुर्ला काम्प्लेक्स से नजदीक होने के चलते यह जगह काफी कीमती है. यहां चमड़ा और बर्तन समेत कई तरह के उत्पाद बनते हैं, जिनमें लगभग एक लाख लोगों को रोजगार मिला हुआ है. प्रोजेक्ट के अंतर्गत यहां हाई राइज बिल्डिंग और कई तरह के विकास किए जाने हैं. 2004 में शुरू किए गए इस प्रोजेक्ट के चलते 68 हजार लोगों को कहीं और बसाने का प्लान है. इसके लिए उन्हें बने हुए मकान देने का वादा किया गया था. 2011 में सरकार ने सभी टेंडर निरस्त कर नया मास्टर प्लान बनाया. वहीं, 2018 में बीजेपी-शिवसेना सरकार ने इसके लिए स्पेशल परपज वेहिकल भी बनाया था. हालांकि, बाद में इसके लिए ग्लोबल टेंडर निकाले गए थे.

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