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वैश्विक स्तर पर आर्थिक वृद्धि की गति प्रभावित होने के बीच भारत उम्मीद की किरण बना हुआ है. अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (IMF) और विश्व बैंक (World Bank) के बाद अब वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन (FM Nirmala Sitharaman) ने भी देश की आर्थिक वृद्धि दर ठीक रहने का भरोसा व्यक्त किया है. उन्हें लगता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था की रफ्तार (GDP Growth Rate) कायम रहेगी और वित्त वर्ष 2022-23 में इसकी वृद्धि दर सात फीसदी रह सकती है.
आईएमएफ के कार्यक्रम में टिप्पणी
वित्त मंत्री सीतारामन अमेरिकी समय के अनुसार शुक्रवार को आईएमएफ मुख्यालय में एक कार्यक्रम में हिस्सा ले रही थीं. उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मौद्रिक एवं वित्तीय समिति की पूर्ण बैठक में भाग लेते हुए कहा कि संरचनात्मक सुधारों पर सरकार के ध्यान के साथ-साथ अनुकूल घरेलू नीति के माहौल ने भारत में घरेलू आर्थिक गतिविधियों को मजबूत बनाए रखा है.
वित्त मंत्री ने जताई ये उम्मीद
उन्होंने कहा कि आईएमएफ और विश्व बैंक दोनों ने भारत के 2023 में सबसे तेजी से वृद्धि करने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था होने का अनुमान लगाया है. भारतीय अर्थव्यवस्था की गति कायम रहेगी और आर्थिक सर्वेक्षण 2022-23 के अनुसार, 2022-23 में भारत की अर्थव्यवस्था के बढ़ने की रफ्तार सात फीसदी रह सकती है.
डीपीआई की भी हुई चर्चा
वित्त मंत्रालय ने एक के बाद एक कई ट्वीट कर इस बैठक में सीतारामन के संबोधन के बारे में जानकारी दी. वित्त मंत्री ने कहा कि डिजिटलीकरण, खासकर डिजिटल सार्वजनिक ढांचा (डीपीआई) वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए एक सकारात्मक उत्प्रेरक रहा है. भारत के डीपीआई ने पहुंच के मामले में क्रांतिकारी बदलाव लाया है.
कमजोर देशों की मदद पर ये बात
वित्त मंत्री ने इस दौरान ग्लोबल सॉवरेन डेट राउंडटेबल का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि श्रीलंका और सूरीनाम के लिए समाधान प्रदान करने वाली टीम का हिस्सा बनकर भारत खुश है. उन्होंने वैश्विक चुनौतियों को कम करने के लिए एक साथ मिलकर समाधान तलाशने की बात दोहराई और कहा कि ये चुनौतियां सबसे गरीब व कमजोर देशों को ज्यादा नुकसान पहुंचाती हैं.
क्रिप्टो पर सख्ती की वकालत
वित्त मंत्री ने आईएमएफ मुख्यालय में जी20 देशों के वित्त मंत्रियों व केंद्रीय बैंकों के गवर्नरों के एक सत्र को संबोधित करते हुए क्रिप्टोकरेंसीज के बारे में चर्चा की. उन्होंने कहा क्रिप्टोकरेंसी के बेहतर नियमन के लिए सभी देशों से साथ मिलकर काम करने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी के मामले में बेहतर व सख्त नियमन आवश्यक है. इसके लिए जी20 के सभी सदस्य देशों को एक-दूसरे के साथ तालमेल बिठाते हुए कदम उठाना होगा.
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