Home Business शराब को छोड़कर इस देश में हर एक चीज बेहद महंगी, 109 फीसदी पर पहुंची महंगाई दर

शराब को छोड़कर इस देश में हर एक चीज बेहद महंगी, 109 फीसदी पर पहुंची महंगाई दर

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शराब को छोड़कर इस देश में हर एक चीज बेहद महंगी, 109 फीसदी पर पहुंची महंगाई दर

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Inflation in World: दुनिया में एक ऐसा भी देश है, जहां पर शराब को छोड़कर हर एक चीज की कीमत आसमान पर है. यहां की महंगाई दर 109 फीसदी पर है, जो दिवालिया के कगार पर खड़े पकिस्तान और श्रीलंका जैसे देशों की महंगाई से कई ज्यादा है. एक साल पहले अप्रैल के दौरान यहां महंगाई दर 108.8 फीसदी थी. 

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, अर्जेंटीना की महंगाई दर इस साल 109 फीसदी पर पहुंच चुकी है, जो तीन दशक के रिकॉर्ड लेवल को पार कर चुकी है. अर्जेंटीना में चीजों की कीमत में रिकॉर्ड बढ़ोतरी के कारण यहां महंगाई हाई इतनी तेजी से बढ़ी है. अर्जेंटीना में सबसे महंगा फूड प्रोडक्ट हैं, जिनकी कीमत में पिछले महीने से 10.1 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. 

शराब को छोड़कर सभी चीजों में रिकॉर्ड बढ़ोतरी 

यहां कपड़े, रेस्टोरेंट, होटल और घर के अन्य सामान उच्च लेवल पर थे. जरूरत की हर एक चीज को खरीदने के लिए हजारों रुपये खर्च करने होते हैं. सिर्फ शराब की कीमत में पिछले महीने की तुलना में 5 फीसदी से कम की बढ़ोतरी हुई है. वहीं इससे पहले मार्च में भी महंगाई में रिकॉर्ड बढ़ोतरी हुई थी. 

अर्जेंटीना की करेंसी में गिरावट 

देश में पेसो की कीमत में रिकॉर्ड गिरावट देखी गई है, जिस कारण यहां के मार्केट में भी एक महीने के दौरान 13 फीसदी की बिकावली रही है. बदले में इसने अर्जेंटीना के कुछ बचतकर्ताओं को पिछले महीने बैंकिंग प्रणाली से 1 बिलियन डॉलर से अधिक जमा राशि निकालने के लिए प्रेरित किया. पेसो की अस्थिरता ने अप्रैल के दौरान अतिरिक्त मूल्य वृद्धि को बढ़ाया है. 

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आईएमएफ के साथ पैसों को लेकर हो रही बात 

अर्जेंटीना की स्थिति को संभालने के लिए ब्यूनस आयर्स के अधिकारी अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के साथ अर्जेंटीना के 44 अरब डॉलर के कर्ज को लेकर भी बातचीत कर रहे हैं. उस देश को उम्मीद है कि जल्द ही लोन का अमाउंट मिल जाएगा. हालांकि आईएमएफ की ओर से कई बातों का उल्लघन भी सामने आया है. 

भारी मंदी की आशंका 

मिंट की रिपोर्ट के मुताबिक, अक्टूबर में राष्ट्रपति चुनाव से पहले अर्जेंटीना का मुद्रास्फीति संकट बढ़ चुका है. अर्थशास्त्रियों ने लगातार बढ़ती कीमतों और एक ऐतिहासिक सूखे के कारण भारी मंदी की आशंका जताई है. केंद्रीय बैंक के नवीनतम मासिक सर्वेक्षण के अनुसार इस वर्ष अर्थव्यवस्था के 3.1 फीसदी के अनुबंध की उम्मीद है.

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