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<p>भारतीय करेंसी रुपया और स्वदेशी पेमेंट टेक्नोलॉजी यूपीआई की पहुंच अब संयुक्त अरब अमीरात तक हो गई है. इस तरह रुपये और यूपीआई के अंतरराष्ट्रीयकरण में एक और नई उपलब्धि जुड़ गई है. इससे दोनों देशों के बीच भुगतान आसान हो जाने वाला है.</p>
<h3>इन दो अहम समझौतों पर बनी बात</h3>
<p>रिजर्व बैंक ने शनिवार को एक आधिकारिक बयान में इसे लेकर हुए समझौते की जानकारी दी. रिजर्व बैंक ने कहा कि उसने स्थानीय मुद्राओं यानी भारतीय रुपये और संयुक्त अरब अमीरात के दिरहम में क्रॉस-बॉर्डर ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने के लिए यूएई के सेंट्रल बैंक के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किया है. इसके अलावा दोनों सेंट्रल बैंकों के बीच पेमेंट व मैसेजिंग सिस्टम को इंटरलिंक करने पर भी समझौता हुआ है.</p>
<h3>फ्रांस में भी शुरू हुआ यूपीआई</h3>
<p>बैंकिंग व भुगतान के क्षेत्र में ये दो बड़े समझौते ऐसे समय हुए हैं, जब प्रधानमंत्री <a title="नरेंद्र मोदी" href="https://www.abplive.com/topic/narendra-modi" data-type="interlinkingkeywords">नरेंद्र मोदी</a> संयुक्त अरब अमीरात की यात्रा पर गए हैं. प्रधानमंत्री मोदी फ्रांस की यात्रा पूरी करने के बाद आज शनिवार को ही संयुक्त अरब अमीरात पहुंचे हैं. इससे पहले फ्रांस में भी प्रधानमंत्री मोदी की मौजूदगी में यूपीआई की शुरुआत की गई.</p>
<h3>आयातकों-निर्यातकों का काम आसान</h3>
<p>रिजर्व बैंक ने बताया कि दोनों समझौतों पर गवर्नर शक्तिकांत दास और सेंट्रल बैंक ऑफ यूएई के गवर्नर खालिद मोहम्मद बलामा ने हस्ताक्षर किए. रिजर्व बैंक के अनुसार, दोनों देशों के बीच स्थानीय मुद्राओं के इस्तेमाल की रूपरेखा बनाने का उद्देश्य रुपये और दिरहम को बढ़ावा देना है. इसके दायरे में सभी करेंट अकाउंट ट्रांजेक्शन और स्वीकृत कैपिटल अकाउंट ट्रांजेक्शनहैं. इससे दोनों देशों के आयातकों व निर्यातकों को खासा फायदा होने वाला है, क्योंकि अब वे रुपये व दिरहम में आपस में भुगतान कर पाएंगे. इससे रुपया-दिरहम विनिमय बाजार भी विकसित होगा.</p>
<h3>समझौते से यहां होगा फायदा</h3>
<p>आपसी लेन-देन में स्थानीय मुद्राओं का इस्तेमाल होने से दोनों देशों के बीच व्यापार को बढ़ावा मिलेगा, क्योंकि भुगतान की प्रक्रिया आसान व तेज हो जाएगी. इससे व्यापार के भुगतान की लागत में कमी आएगी. यह दोनों देशों में आपसी निवेश को बढ़ाएगा. वहीं इस समझौते से उन भारतीयों को बहुत फायदा होगा, जो यूएई में रह रहे हैं और वहां से कमाई के पैसे वापस भारत भेज रहे हैं.</p>
<h3>यूपीआई और आईपीपी होंगे लिंक</h3>
<p>दोनों सेंट्रल बैंकों ने दूसरा समझौता यूपीआई व संयुक्त अरब अमीरात की टेक्नोलॉजी इंस्टैंट पेमेंट प्लेटफॉर्म का लेकर किया. इसके तहत तेजी से भुगतान का निपटान करने के लिए यूपीआई और आईपीपी को लिंक किया जाएगा. साथ ही दोनों देशों के घरेलू कार्ड स्विचेज यानी रूपे स्विच और यूएई स्विच को भी लिंक करने का प्रस्ताव है.</p>
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