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Hindenburg Report: अडानी ग्रुप (Adani Group) को हिलाकर रख देने वाली हिंडनबर्ग रिपोर्ट (Hindenburg Report) को आए एक साल से भी ज्यादा समय हो चुका है. इस रिपोर्ट के चलते अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयर (Adani Group Stocks) अर्श से फर्श पर आ गिरे थे. अब इस रिपोर्ट पर अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी (Gautam Adani) ने खुलकर बात की है. उन्होंने बुधवार को कहा कि अमेरिकी इनवेस्टमेंट कंपनी हिंडनबर्ग की रिपोर्ट दरअसल अडानी ग्रुप की तरक्की को रोकने और भारत की सरकार को बदनाम करने का प्रयास था. यह दुनिया में किसी भी कॉरपोरेट पर किया गया सबसे बड़ा हमला था.
#WATCH | Mumbai: On the shorting that Adani Group had to go through, Chairman Gautam Adani says, “..Last year, January 24, we were subject to a massive attack by a US short seller. The objective was just not to destabilise us, but also to politically defame India’s governance… pic.twitter.com/4O3FkXwuxJ
— ANI (@ANI) March 13, 2024
हमारे साथ सरकार को भी बनाया गया निशाना
गौतम अडानी ने कहा कि 24 जनवरी, 2023 को अडानी ग्रुप पर हमला बोला गया था. इन लोगों का उद्देश्य सिर्फ हमें नुकसान पहुंचाना नहीं था. हिंडनबर्ग भारत सरकार की नीतियों को भी निशाना बनाना चाहती थी. भारत सरकार की नीतियों को राजनीतिक रूप से नुकसान पहुंचाने का प्रयास किया गया था. हमारी नींव को हिलाने के इस प्रयास के बावजूद अडानी ग्रुप मजबूती से खड़ा रहा और इस संकट का सामना किया. हमने लंबी लड़ाई के बाद न सिर्फ अपनी साख बचाई, बल्कि अपना फोकस ग्रुप को आगे बढ़ाने पर लगाए रहे.
फर्जी ट्रांजेक्शन और स्टॉक मार्केट में हेरफेर के थे आरोप
हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में अडानी ग्रुप पर बड़े आरोप लगाए थे. शॉर्ट सेलिंग फर्म ने कहा था कि अडानी ग्रुप की कंपनियां फर्जी ट्रांजेक्शन, अकाउंटिंग फ्रॉड और स्टॉक मार्केट में हेरफेर करती हैं. इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद अडानी ग्रुप की कंपनियों के स्टॉक धड़ाम हो गए थे. निवेशकों को भी लगभग 111 अरब डॉलर का चूना लगा था. अडानी ग्रुप को इस सदमे से उबरने में बहुत वक्त लगा. गौतम अडानी उस समय दुनिया के दूसरे सबसे अमीर इंसान बन चुके थे. मगर हिंडनबर्ग रिपोर्ट ने उन्हें ऐसी चोट पहुंचाई कि वो टॉप 20 से भी बाहर हो गए थे.
इसी साल जनवरी में मिली क्लीन चिट
पिछले साल रिपब्लिक डे की पूर्व संध्या पर भी गौतम अडानी ने शेयरधारकों को दिए संदेश में रिपोर्ट पर सवाल खड़े किए थे. रिपोर्ट जारी होने के बाद अडानी ग्रुप के खिलाफ कई जांच शुरू की गई थीं. मार्च, 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने एक समिति का गठन किया था. जनवरी, 2024 में गौतम अडानी और उनकी कंपनियों को सभी आरोपों से मुक्त कर दिया गया था. इसके बाद से अडानी ग्रुप की कंपनियां फिर से तेजी से आगे बढ़ रही हैं.
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