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चालू वित्त वर्ष के समाप्त होने में अभी भी एक दिन भले ही बाकी हो, लेकिन शेयर बाजार के लिए यह दो दिन पहले ही समाप्त हो चुका है. चालू वित्त वर्ष में 28 मार्च गुरुवार को बाजार में आखिरी कारोबार हुआ. अब बाजार 1 अप्रैल को यानी नए वित्त वर्ष के पहले दिन खुलेगा. चालू वित्त वर्ष घरेलू शेयर बाजार के लिए शानदार रहा है. खासकर छोटे कैप के सूचकांकों के लिए वित्त वर्ष शानदार रैली वाला रहा है.
सेंसेक्स-निफ्टी में आई इस तरह की तेजी
वित्त वर्ष के आखिरी कारोबारी दिन बीएसई सेंसेक्स 639.16 अंक (0.88 फीसदी) उछलकर 73,635.48 अंक पर बंद हुआ. वहीं निफ्टी 203.25 अंक (0.92 फीसदी) की तेजी के साथ 22,326.90 अंक पर रहा. पूरे वित्त वर्ष में दोनों प्रमुख सूचकांकों ने करीब 25-25 फीसदी की तेजी दर्ज की. साल के दौरान सेंसेक्स ने 74,245 अंक का और निफ्टी ने 22,526 अंक का नया उच्च स्तर बनाया.
प्रमुख सूचकांकों से डबल दिया रिटर्न
प्रमुख सूचकांकों की तेजी तो शानदार रही, लेकिन मिड कैप और स्मॉल कैप ने बड़े मार्जिन से उन्हें मात दी. पूरे वित्त वर्ष के दौरान बीएसई के मिड कैप इंडेक्स में 15,013.95 अंक की यानी 62.38 फीसदी की तेजी आई. वहीं बीएसई का स्मॉल कैप इंडेक्स चालू वित्त वर्ष के दौरान 16,068.99 अंक यानी 59.60 फीसदी मजबूत हुआ. दूसरी ओर इस दौरान बीएसई सेंसेक्स ने 24.82 फीसदी की और एनएसई निफ्टी50 ने 28.61 फीसदी की तेजी दर्ज की. इसका मतलब हुआ कि चालू वित्त वर्ष के दौरान छोटे कैप की रैली मेजर इंडिसेज की तुलना में डबल से भी ज्यादा रही.
मिड व स्मॉल कैप ने बनाए ये रिकॉर्ड
वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान सेंसेक्स और निफ्टी जैसे प्रमुख सूचकांकों की तरह मिड कैप और स्मॉल कैप के सूचकांकों ने भी लगातार नए-नए रिकॉर्ड बनाए. 23,881.79 अंक के स्तर से वित्त वर्ष की शुरुआत करने वाला बीएसई मिड कैप इंडेक्स वित्त वर्ष के दौरान 8 फरवरी 2024 को 40,282.49 अंक के नए शिखर स्तर तक पहुंचा. इसी तरह बीएसई स्मॉल कैप इंडेक्स ने 26,692.09 अंक के स्तर से शुरुआत की और 7 फरवरी 2024 को 46,821.39 अंक के सर्वकालिक उच्च स्तर तक गया.
सिर्फ आखिरी महीना नहीं रहा ठीक
पूरे वित्त वर्ष में बस आखिरी महीना यानी मार्च 2024 छोटे कैप के लिए कुछ खराब साबित हुआ. मार्च 2024 के महीने में स्मॉल कैप इंडेक्स में 4.55 फीसदी की गिरावट आई. मिड कैप इंडेक्स भी नुकसान के साथ बंद हुआ. इसके लिए एक साथ कई कारण जिम्मेदार रहे. सेबी प्रमुख के द्वारा मिड व स्मॉल कैप में बबल होने की बात कहना खास तौर पर छोटे शेयरों पर भारी गुजरा. इसके अलावा हाई वैल्यूएशन पर प्रॉफिट बुकिंग का भी प्रेशर दिखा.
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