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Elon Musk Meet with PM Narendra Modi: टेस्ला के सीईओ एलन मस्क जल्द ही भारत की यात्रा पर आ रहे हैं. दुनिया के सबसे अमीर लोगों में एक एलन मस्क अपनी इस भारत यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मिलने वाले हैं. इस बात की जानकारी खुद एलन मस्क ने दी है. एलन मस्क ने बीती रात 10 अप्रैल को एक्स पर अपनी भारत यात्रा की जानकारी देते हुए एक पोस्ट शेयर किया. पोस्ट में टेस्ला के सीईओ ने बताया कि वो भारत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करने वाले हैं.
Looking forward to meeting with Prime Minister @NarendraModi in India!
— Elon Musk (@elonmusk) April 10, 2024
एलन मस्क की पीएम मोदी से मुलाकात
एलन मस्क की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात पिछले एक साल में दो बार हो चुकी है. लेकिन, ऐसा पहली बार होगा कि जब एलन मस्क पीएम मोदी से भारत में ही मिलेंगे. एलन मस्क के इस दौरे को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. एलन मस्क अपनी कंपनी टेस्ला को भारतीय बाजार में उतारने जा रहे हैं. इंडियन मार्केट में टेस्ला के इलेक्ट्रिक व्हीकल को उतारने की योजना पर पहले ही काम शुरू हो चुका है.
टेस्ला दुनिया में इलेक्ट्रिक वाहन मैन्युफैक्चर करने वाली सबसे बड़ी कंपनियों में से एक है. लेकिन, भारतीय बाजार में टेस्ला का अभी तक कोई मॉडल नहीं आया है. दुनिया में वाहनों की बिक्री को देखते हुए भारत इन वाहनों का तीसरा सबसे बड़ा बाजार है. अब इसी मार्केट में एलन मस्क अपने इलेक्ट्रिक व्हीकल्स लाना चाहते हैं.
राइट-हैंड ड्राइवर्स के लिए प्रोडक्शन शुरू
टेस्ला की गाड़ियों को लेकर हाल ही में खबर सामने आई थी कि कंपनी ने इंडियन ड्राइवर्स को ध्यान में रखते हुए बर्लिन में राइट-हैंड ड्राइवर्स के लिए कारों का प्रोडक्शन शुरू कर दिया है. हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, अप्रैल के तीसरे हफ्ते में टेस्ला की एक टीम भारत दौरे पर आ सकती है, जो कि भारत में मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगाने को लेकर जगह तय करने वाली है.
सरकार की नई EV पॉलिसी
सरकार पिछले महीने ही इलेक्ट्रिक व्हीकल्स पर नई पॉलिसी लेकर आई है. इस नई पॉलिसी से जाहिर है कि सरकार भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ाना चाहती है. इस पॉलिसी के अनुसार, जो ऑटोमोबाइल कंपनियां भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स लाना चाहती हैं, उन्हें भारत में कम-से-कम 4150 करोड़ यानी 500 मिलियन डॉलर का निवेश करना होगा. साथ ही इन कंपनियों को तीन साल के भीतर भारत में मैन्युफैक्चरिंग की शुरुआत करनी होगी. साथ ही कारों में इस्तेमाल होने वाले 25 फीसदी पार्ट्स को भारत से ही खरीदना होगा. इस पॉलिसी से सरकार देश में ज्यादा-से-ज्यादा निवेश लाने पर फोकस कर रही है.
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