[ad_1]
पिछले एक साल की अवधि में देश में हर तरह का कर्ज तेजी से महंगा हुआ है. चाहे होम लोन (Home Loan) हो या कार लोन (Car Loan), पर्सनल लोन (Personal Loan) हो या कोई अन्य ईएमआई (EMI)… हर किसी को अब ज्यादा पैसे भरने पड़ रहे हैं. इस कारण लोग लंबे समय से इस मोर्चे पर राहत की उम्मीद कर रहे हैं. अब यह इंतजार समाप्त होने जा रहा है, क्योंकि इस बारे में फैसला लेने के लिए रिजर्व बैंक की अहम बैठक सोमवार से शुरू होने जा रही है.
साल भर में हुई इतनी वृद्धि
दुनिया भर में रिकॉर्ड स्तर पर पहुंची महंगाई (Inflation) को काबू करने के लिए सेंट्रल बैंकों ने ब्याज दरें बढ़ाने (Interest Rate Hike) का सहारा लिया. भारत भी इस मामले में अपवाद नहीं रहा और रिजर्व बैंक ने तेजी से ब्याज दरें (RBI Repo Rate Hike) बढ़ाई. पिछले साल मई में रिजर्व बैंक ने मौद्रिक नीति समिति की आपात बैठक कर ब्याज दरें बढ़ाने की शुरुआत की. उसके बाद एक साल में रेपो रेट को 2.50 फीसदी बढ़ाया जा चुका है.
अभी इतनी है नीतिगत दर
महंगाई पर लगाम लगाने के लिए मई 2022 के बाद से की गई लगातार वृद्धि के चलते नीतिगत दर रेपो 2.5 फीसदी बढ़कर फरवरी 2023 में 6.5 फीसदी पर पहुंच गई थी. उसके बाद रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की बैठक अप्रैल 2023 में हुई, जो चालू वित्त वर्ष के दौरान एमपीसी की पहली बैठक थी. रिजर्व बैंक ने उस बैठक में रेपो रेट को यथावत रखने का फैसला किया. इस तरह अभी रेपो रेट 6.5 फीसदी है.
रेपो रेट स्थिर रहने की उम्मीद
पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय रिजर्व बैंक यानी आरबीआई अप्रैल महीने के दौरान खुदरा मुद्रास्फीति में गिरावट आने तथा आगे इसमें और राहत मिलने की उम्मीद के चलते आठ जून को नीतिगत दर रेपो को 6.5 फीसदी पर यथावत रख सकता है. विशेषज्ञों का मानना है कि अगर रिजर्वबैंक दरों को स्थिर रखता है तो इससे इस बात का संकेत जाएगा कि उसने महंगाई को नियंत्रित करने के लिए अब जो कदम उठाए, वे प्रभावी साबित हुए.
8 जून को सामने आएंगे नतीजे
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास की अगुवाई वाली छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति यानी एमपीसी की बैठक छह जून मंगलवार से शुरू हो रही है. यह बैठक आठ जून गुरुवार तक चलेगी. बैठक के बाद आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास गुरुवार को फैसलों की जानकारी देंगे. यह आरबीआई की चालू वित्त वर्ष के दौरान मौद्रिक नीति समिति की दूसरी और अब तक की 43वीं बैठक होगी.
अभी इतनी है खुदरा महंगाई
एमपीसी की यह बैठक ऐसे समय हो रही है जब उपभोक्ता मूल्य सूचकांक यानी सीपीआई आधारित खुदरा महंगाई के अप्रैल में 18 महीनों के निचले स्तर 4.7 फीसदी पर आ गई है. आरबीआई गवर्नर ने हाल ही में संकेत दिए थे कि मई में यह आंकड़ा अप्रैल से भी नीचे जा सकता है. मई महीने के लिए खुदरा महंगाई के आंकड़े बैठक समाप्त होने के बाद 12 मई को सामने आएंगे. ऐसे में ब्याज दरें बढ़ने की आशंका कम हो जाती है.
ये भी पढ़ें: रेल दुर्घटना पीड़ितों के लिए आगे आए गौतम अडानी, उठाएंगे स्कूल की पढ़ाई का सारा खर्च
[ad_2]
Source link