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<p>घरेलू शेयर बाजार में पिछले कुछ दिनों से लगातार नया रिकॉर्ड बन रहा है. हालांकि एक के बाद एक नया उच्च स्तर आने के चलते शुक्रवार को बाजार में निवेशकों ने मुनाफावसूली की. खासकर आईटी शेयरों में तो भारी बिकवाली देखने को मिली. आईटी शेयरों में गिरावट का एक कारण पहली तिमाही में उम्मीद से कमतर प्रदर्शन है. इसके चलते बाजार के प्रमुख सूचकांकों की संरचना प्रभावित हो गई.</p>
<h3>इतना रह गया इंफोसिस का एमकैप</h3>
<p>शुक्रवार के कारोबार में सबसे ज्यादा नुकसान उठाने वाली कंपनियों में देश की दूसरी सबसे बड़ी आईटी कंपनी इंफोसिस भी शामिल रही. इंफोसिस के शेयर में 8 फीसदी से ज्यादा की जबरदस्त गिरावट दर्ज की गई और उसके बाद एक शेयर का भाव कम होकर 1,337.45 रुपये पर आ गया. इस भारी बिकवाली के चलते इंफोसिस का बाजार पूंजीकरण भी कम होकर करीब 5,49,000 करोड़ रुपये पर आ गया.</p>
<h3>बढ़ गई एसबीआई की वैल्यू</h3>
<p>वहीं दूसरी ओर देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक एसबीआई के शेयर में शुक्रवार को तेजी दर्ज की गई. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया का शेयर 1 फीसदी से ज्यादा मजबूत होकर 615 रुपये के पार निकल गया. इसके साथ-साथ स्टेट बैंक ऑफ इंडिया का एमकैप भी बढ़ा और 5,49,850 करोड़ रुपये के पास पहुंच गया.</p>
<h3>7वीं सबसे बड़ी कंपनी एसबीआई</h3>
<p>दोनों शेयरों के भाव में उतार-चढ़ाव का असर सेंसेक्स की कंपनियों की संरचना पर हुआ. शुक्रवार के कारोबार के बाद स्टेट बैंक ऑफ इंडिया बाजार पूंजीकरण के लिहाज से शेयर बाजार की 7वीं सबसे मूल्यवान कंपनी बन गया. वहीं इंफोसिस पिछड़कर अब आठवें स्थान पर आ गई. इससे पहले एसबीआई ने मई महीने में भी इंफोसिस को पीछे छोड़ने में सफलता हासिल की थी, लेकिन बाद में इंफोसिस ने रिकवरी कर ली थी.</p>
<h3>ऐसी रही पहली तिमाही</h3>
<p>वैश्विक आर्थिक मंदी की आशंका का आईटी कंपनियों पर सबसे ज्यादा असर हो रहा है. चार सबसे बड़ी आईटी कंपनियों को देखें तो लंबे समय बाद ऐसा हुआ है, जब किसी तिमाही में उनके कुल कर्मचारियों की संख्या में कमी आई हो. जून तिमाही के दौरान एक टीसीएस को छोड़ अन्य तीनों सबसे बड़ी आईटी कंपनियों इंफोसिस, विप्रो और एचसीएल टेक के कर्मचारी कम हुए हैं.</p>
<h3>ब्रोकरेज फर्म को भी आशंका</h3>
<p>यही कारण है कि दूसरी सबसे बड़ी आईटी कंपनी इंफोसिस को लेकर आगे का परिदृश्य भी ठीक नहीं लग रहा है. ब्रोकरेज हाउस भी आने वाले समय में भाव के गिरने की आशंका जता रहे हैं. नोमुरा इंडिया ने इंफोसिस की रेटिंग घटाकर रिड्यूस कर दिया है और टारगेट को 1,450 रुपये से घटाकर 1,210 रुपये कर दिया है.</p>
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