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Demat Account: देश में डिमैट खातों की संख्या अब 12.7 करोड़ हो चुकी है. अगस्त में डीमैट अकाउंट 26 फीसदी बढ़कर 12.7 करोड़ हो चुके हैं और जुलाई के आखिर में डीमैट अकाउंट्स की संख्या 12.3 करोड़ थी. आंकड़ों के मुताबिक अगस्त, 2023 के अंत में दो डिपॉजिटरी एनएसडीएल और सीडीएसएल के साथ कुल 12.7 करोड़ डीमैट खाते रजिस्टर्ड थे, जबकि एक साल पहले यह संख्या 10.1 करोड़ पर थी.
मंथली बेसिस पर 4 फीसदी से ज्यादा बढ़े डीमैट खाते
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के एक एनालिसिस के मुताबिक, जुलाई के 30 लाख की तुलना में अगस्त में नए खातों की संख्या मंथली बेसिस पर 4.1 फीसदी बढ़कर अगस्त में 31 लाख पर आ चुकी है.
सेबी के पास क्या आंकड़े हैं
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड या सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) के आंकड़ों के मुताबिक अगस्त के आखिर में कुल 12.7 करोड़ में से 3.3 करोड़ और 9.35 करोड़ डीमैट खाते क्रमशः एनएसडीएल और सीडीएसएल के साथ रजिस्टर्ड थे.
क्यों बढ़ रही है देश में डीमैट खाता खोलने वालों की संख्या
शेयर बाजारों से आकर्षक रिटर्न और खाता खोलने का आसान प्रोसेस होने की वजह से अगस्त, 2023 में डीमैट खातों की संख्या सालाना आधार पर 26 फीसदी बढ़कर 12.7 करोड़ हो चुकी है.
30 सितंबर कर कर लें ये काम वर्ना होंगे खाते फ्रीज
सेबी के निर्देशों के मुताबिक सभी इंडीविजुअल डीमैट अकाउंट होल्डर्स और म्यूचुअल फंड निवेशकों के पास अपने नॉमिनी को एनरोल करने या एक घोषणापत्र भरकर योजना से बाहर निकलने का विकल्प चुनने के लिए 30 सितंबर तक का समय है. ऐसा नहीं करने पर निवेशकों के डीमैट खातों और फोलियो पर रोक लग जाएगी, यानी उन्हें ‘फ्रीज’ कर दिया जाएगा और वे अपने निवेश को निकाल नहीं पाएंगे. यह अनिवार्यता नए और मौजूदा दोनों निवेशकों पर लागू होता है. यह कदम इंवेस्टर्स को अपने ऐसेट्स को सुरक्षित रखने और उनका निवेश उनके कानूनी उत्तराधिकारियों को सौंपने में मदद करने को उठाया गया है.
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