Home Business Cryptocurrency पर सरकार और आरबीआई के मत अलग-अलग! RBI गर्वनर कर चुके हैं बैन करने की मांग

Cryptocurrency पर सरकार और आरबीआई के मत अलग-अलग! RBI गर्वनर कर चुके हैं बैन करने की मांग

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Cryptocurrency पर सरकार और आरबीआई के मत अलग-अलग! RBI गर्वनर कर चुके हैं बैन करने की मांग

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Cryptocurrency: केंद्रीय राज्य मंत्री राजीव चंद्रसेखर ने गुरुवार को कहा कि अगर भारत में क्रिप्टोकरेंसी द्वारा नियमों का पालन किया जाता है तो क्रिप्टो से किसी को भी कोई समस्या नहीं होगी. केंद्रीय राज्य मंत्री का ये बयान ऐसे समय पर आया है जब रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने इंवेस्टरों को इससे दूर रहने की सलाह दी है. RBI गर्वनर ने यहां तक कह दिया कि क्रिप्टो करेंसी एक जुआ के अलावा और कुछ भी नहीं है. 

बेंगलुरु के एक कार्यक्रम में बोलते हुए IT मिनिस्टर ने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी जबतक कानूनी प्रक्रिया का पालन करती हैं, तब​तक क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध जैसा कुछ भी नहीं होगा. वहीं दूसरी ओर आरबीआई गर्वनर शक्तिकांत दास ​क्रिप्टोकरेंसी को बैन करने को लेकर कई बार कह चुके हैं. उन्होंने यह भी कहा कि मार्केट में इसकी अंडरलाइंग वैल्यू नहीं है. 

जुए के जैसा क्रिप्टोकरेंसी 

​शक्तिकांत दास ने ​बिजनेस टूडे के एक इवेंट में कहा था कि हर संपत्ति की तरह ही हर वित्तीय उत्पाद कुछ अंतर्निहित वैल्यू के साथ आते हैं. वहीं क्रिप्टोकरेंसी  करेंसी बिना किसी अंडरलाइंग वैल्यू के सिर्फ विश्वास के फैक्टर पर टिका हुआ है. आरबीआई गवर्नर ने आगे कहा कि क्रिप्टो बिना किसी के जुए का एक रूप है और यह 100 फीसदी उम्मीदों पर ही टिका हुआ है. 

क्रिप्टो सेक्टर कानूनी होने पर वित्तीय संकट 

देश क्रिप्टो सेक्टर के लिए विनियमन के साथ आने की कोशिश कर रहा है. आरबीआई ने कहा है कि अगर कानूनी हो, तो बड़े पैमाने पर वित्तीय संकट हो सकता है. उद्योग के विशेषज्ञों का मानना ​​है कि क्रिप्टो से जुड़े जोखिमों पर केंद्रीय बैंक द्वारा लगातार चेतावनियों के बाद सरकार आगामी बजट में अतिरिक्त उपाय पेश करेगी. 

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सरकार का क्रिप्टो को लेकर टैक्स नियम 

पिछले बजट में सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी के लिए टैक्सेशन का स्ट्रक्चर स्थापित किया था, जबकि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 2022 में विश्व आर्थिक मंच के कार्यक्रम में कहा था कि डिजिटल मुद्राओं द्वारा उत्पन्न समस्याओं से निपटने के लिए एक सामूहिक वैश्विक प्रयास की आवश्यकता है. वहीं आरबीआई के एक डिप्टी गवर्नर टी रबी शंकर ने कहा था कि क्रिप्टोकरेंसी पोंजी योजनाओं के समान या उससे भी बदतर थी और उन पर प्रतिबंध लगाना देश के लिए सबसे समझदार विकल्प था. 

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