Home Business Housing Demand: भारत को 6.4 करोड़ नए घरों की जरूरत, छोटे शहरों में होगा रियल एस्टेट का बड़ा खेल

Housing Demand: भारत को 6.4 करोड़ नए घरों की जरूरत, छोटे शहरों में होगा रियल एस्टेट का बड़ा खेल

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Housing Demand: भारत को 6.4 करोड़ नए घरों की जरूरत, छोटे शहरों में होगा रियल एस्टेट का बड़ा खेल

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Real Estate in India: साल 2023 में भारत ने चीन को पीछे छोड़ते हुए दुनिया के सबसे ज्यादा आबादी वाले देश का तमगा हासिल कर लिया था. इतनी बड़ी आबादी देश के लिए न सिर्फ एक बड़ी चुनौती है बल्कि यह हमारे लिए बड़ी ताकत भी है. भारत की कुल आबादी जनवरी, 2024 में 142 करोड़ के पार निकल गई है. इतनी बड़ी आबादी के लिए हमें रोटी, कपड़ा और मकान जैसी मुलभूत चीजों को जुटाने में बड़ी मशक्कत करनी होगी. एक अनुमान देश में मकानों की मांग ज्यादा है और आपूर्ति कम बनी हुई है. एक अनुमान के मुताबिक, आने वाले 10 सालों में देश को लगभग 6.4 करोड़ अतिरिक्त घर बनाने पड़ेंगे. 

2018 तक भारत में लगभग 2.9 करोड़ मकानों की कमी थी

क्रेडाई और लाइसिस फोरास द्वारा मकानों की स्थिति पर पेश की गई एक रिपोर्ट के अनुसार, देश में जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है. इसके चलते 2036 तक भारत में अतिरिक्त 6.4 करोड़ मकानों की जरूरत पड़ेगी. रिपोर्ट के अनुसार, 2018 तक भारत में लगभग 2.9 करोड़ मकानों की कमी थी. इसलिए भारत में 2036 तक कुल घरों की मांग लगभग 9.3 करोड़ हो जाएगी. यह रिपोर्ट क्रेडाई ने वाराणसी में आयोजित न्यू इंडिया समिट में डेटा एनालिटिक कंपनी लाइसिस फोरास के साथ मिलकर पेश की. 

मझोले और छोटे शहरों में बढ़ने वाली है मांग  

रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि रियल एस्टेट सेक्टर को छोटे और मझोले शहरों पर अपना फोकस बढ़ा लेना चाहिए. क्रेडाई के अनुमान के मुताबिक, मझोले और छोटे शहर (सेकंड टियर और थर्ड टियर) में रियल एस्टेट की मांग तेजी से बढ़ने वाली है. क्रेडाई के अध्यक्ष बोमन ईरानी ने कहा कि तेजी से बढ़ती आबादी और इकोनॉमी के चलते मकानों की मांग एवं आपूर्ति में इजाफा हुआ है. लोगों की मकान खरीदने की क्षमता में भी सुधार आया है. लोग अब बड़े मकान खरीदने के इच्छुक हैं. 

इकोनॉमी को 5 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका 

क्रेडाई के चेयरमैन मनोज गौड़ ने बताया कि 2023 रियल एस्टेट सेक्टर से जुड़े सभी पक्षों के लिए उम्मीदों भरा साल रहा. हमें उम्मीद है कि यह मांग 2024 और उसके बाद भी जारी रहेगी. टियर 2 और 3 श्रेणी में आने वाले शहरों में घरों की मांग और निर्माण जोर पकड़ेगा. लाइसिस फोरास के संस्थापक एवं प्रबंध निदेशक पंकज कपूर ने कहा कि भारत का रियल एस्टेट सेक्टर एक अत्यंत महत्वपूर्ण मोड़ पर है. इसमें निरंतर मांग और आपूर्ति जीडीपी में योगदान दे रही है. यह इकोनॉमी को 5 ट्रिलियन डॉलर के लक्ष्य तक पहुंचाने में पूरा सहयोग कर रही है.

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