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Property Demand in India: भारत में लग्जरी घरों (Luxury Housing) की डिमांड तेजी से बढ़ती जा रही है. कोरोना के बाद से ही लोगों को बड़े घरों की जरूरत फिर से महसूस होने लगी है. यही वजह है कि साल 2023 में लग्जरी घरों और विला सेगमेंट की डिमांड सबसे ज्यादा रही. अब साल 2024 में भी यही उम्मीद जताई जा रही है. लोगों की बढ़ती आय, अर्थव्यवस्था की अच्छी स्थिति और बदलती लाइफस्टाइल के चलते लग्जरी हाउसिंग की डिमांड पिछले साल 112 फीसदी बढ़ गई.
इनकम और लाइफस्टाइल के हिसाब से लेना चाहते हैं घर
प्रॉपर्टी फर्म नोब्रोकर (NoBroker) की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में लग्जरी हाउसिंग की डिमांड 2022 की तुलना में 2023 में बढ़कर 112 फीसदी हो गई. यह बढ़ी हुई इनकम और ऊंची होती लाइफस्टाइल की वजह हो रहा है. नोब्रोकर के अनुसार, 2023 में देश में लग्जरी घरों की मांग में काफी बढ़ोतरी देखी जा रही है. कंपनी ने कहा कि लग्जरी रियल्टी प्रॉपर्टी की सेल 2022 की तुलना में दोगुनी से भी ज्यादा हो गई है.
विला का मालिक बनने की डिमांड बढ़ी
रिपोर्ट के अनुसार, मेट्रो शहरों में विला का मालिक बनने की डिमांड बहुत बढ़ती जा रही है. दिल्ली-एनसीआर, मुंबई मेट्रोपॉलिटिन रीजन (MMR), हैदराबाद और बेंगलुरु में इन लग्जरी घरों की सबसे ज्यादा मांग पैदा हुई है. इन मेट्रो शहरों में लोगों की बढ़ती आय इसका सबसे बड़ा कारण है.
बड़ी और अच्छी सोसाइटी में रहने की चाहत ज्यादा
नोब्रोकर के फाउंडर सौरभ गर्ग ने बताया कि रियल एस्टेट मार्केट में लग्जरी हाउसिंग सेक्टर सबसे तेजी से बढ़ रहा है. लोगों में बड़ी और अच्छी सोसाइटी में रहने की इच्छा बहुत ज्यादा है. उन्होंने बताया कि लोगों की प्राथमिकताएं बदल रही हैं. खरीदारों का बजट भी बड़ा हुआ है. हाई नेट वर्थ (HNI) और अल्ट्रा हाई नेट वर्थ इंडिविजुअल्स (UHNI) की संख्या की तेजी से बढ़ी है. यह लोग न सिर्फ खुद रहने बल्कि निवेश के लिए भी प्रॉपर्टी को अच्छा विकल्प मानकर चल रहे हैं. बढ़ती हुई महंगाई भी उन्हें निवेश करने के लिए प्रेरित कर रही है.
मेट्रो शहरों में डिमांड तेजी से बढ़ी
आंकड़ों के अनुसार, बेंगलुरु में सरजापुर और देवनहल्ली, दिल्ली-एनसीआर में ग्रेटर नोएडा, नोएडा और गुरुग्राम, मुंबई में एमएमआर, कोल्लूर, तेल्लापुर और हैदराबाद में मोकिला पिछले साल बड़ी संख्या में विला लॉन्च के साथ हॉटबेड के रूप में उभरे हैं. बेंगलुरु में विला की मांग में कोविड से पहले के सालों की तुलना में 32 फीसदी ज्यादा रही. इसके बाद दिल्ली एनसीआर में 25 फीसदी, मुंबई में 30 फीसदी और हैदराबाद में 27 फीसदी की वृद्धि देखी गई है.
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