Home Business Ola Electric का आईपीओ, सेबी के पास जमा किया ड्राफ्ट, इतनी हिस्सेदारी बेचेंगे भाविश अग्रवाल

Ola Electric का आईपीओ, सेबी के पास जमा किया ड्राफ्ट, इतनी हिस्सेदारी बेचेंगे भाविश अग्रवाल

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Ola Electric का आईपीओ, सेबी के पास जमा किया ड्राफ्ट, इतनी हिस्सेदारी बेचेंगे भाविश अग्रवाल

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Ola Electric IPO News: ओला इलेक्ट्रिक (Ola Electric) ने 22 दिसंबर को भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड के पास ड्राफ्ट पेपर फाइल कर दिया है. ऐसे में ओला इलेक्ट्रिक भारत की पहली ऐसी इलेक्ट्रिक स्कूटर बनाने वाली कंपनी बनने जा रही है, जो अपना आईपीओ लाने वाली है. इस आईपीओ के जरिए कंपनी का लक्ष्य है कि वह मार्केट से 7,250 करोड़ रुपये जुटाए. इस आईपीओ में कंपनी के फाउंडर भाविश अग्रवाल 4.74 करोड़ शेयर को बचने का प्लान बना रहे हैं.

जानते हैं आईपीओ के डिटेल्स-

लाइव मिंट में छपी रिपोर्ट के मुताबिक इस आईपीओ के जरिए कंपनी 5,500 करोड़ के फ्रेश शेयर जारी करने वाली है. वहीं कुल  95,191,195 इक्विटी के शेयर ऑफर फॉर सेल के जरिए जारी किए जाएंगे, जिनकी फेस वैल्यू 10 रुपये प्रति शेयर है. इससे 1750 करोड़ रुपये जुटाने का प्लान है. इस आईपीओ में 75 फीसदी हिस्सा क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) के लिए रिजर्व किया गया है. वहीं नॉन-इंस्टीट्यूशनल बायर्स के लिए 15 फीसदी और रिटेल निवेशकों के लिए 10 फीसदी हिस्सा रिजर्व किया गया है.

कंपनी को कितने वैल्यूएशन की है उम्मीद-

साल 2024 की शुरुआत में ओला इलेक्ट्रिक अपना आईपीओ लेकर आ सकती है. इसके लिए कंपनी ने 22 दिसंबर को ड्राफ्ट पेपर सेबी के पास जमा करवा दिया है. अगर नए साल की शुरुआत में कंपनी अपना आईपीओ लाने में सफल रहती है तो साल 2003 के बाद यह पहला मौका है जब किसी ऑटोमोबाइल कंपनी का आईपीओ आ रहा है. इससे पहले मारुति सुजुकी का आईपीओ 2003 में आया था. कंपनी को इस आईपीओ में कुल 7 से 8 बिलियन डॉलर के वैल्यूएशन की उम्मीद है. हालांकि कंपनी ने अभी तक प्राइस बैंड तय नहीं किया है, लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आईपीओ सब्सक्रिप्शन की डेट 2024 की शुरुआत में जारी की जा सकती है.

आईपीओ के जरिए जुटाने वाले फंड का क्या करेगी कंपनी?

SEBI के पास जमा कराए गए पेपर के मुताबिक आईपीओ के जरिए जुटाने वाली रकम में से 1,226.4 करोड़ रुपये का इस्तेमाल कंपनी Ola Cell Technologies के फैक्ट्री प्रोजेक्ट के लिए करेगी. वहीं 1600 करोड़ रुपये का फंड रिसर्च और डेवलपमेंट के लिए किया जाएगा. करीब 350 करोड़ रुपये का इस्तेमाल कंपनी सामान्य कॉरपोरेट जरूरतों को पूरा करने लिए किया जाएगा. 800 करोड़ रुपये से कंपनी अपने पुराने कर्ज का निपटारा करेगी. वित्त वर्ष 2022-23 में कंपनी का रेवेन्यू 335 मिलियन डॉलर रहा था. कंपनी को 136 मिलियन डॉलर का नुकसान हुआ था.

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