Home Business PPF पर ब्याज दरें नहीं बढ़ने से सरकारी कर्मचारियों को लगा झटका, GPF-CPF पर नहीं बढ़ी ब्याज दरें

PPF पर ब्याज दरें नहीं बढ़ने से सरकारी कर्मचारियों को लगा झटका, GPF-CPF पर नहीं बढ़ी ब्याज दरें

0
PPF पर ब्याज दरें नहीं बढ़ने से सरकारी कर्मचारियों को लगा झटका, GPF-CPF पर नहीं बढ़ी ब्याज दरें

[ad_1]

Central Government Employees: जनरल प्रॉविडेंट फंड में निवेश करने वाले सरकारी कर्मचारियों को झटका लगा है. वित्त मंत्रालय ने वित्त वर्ष 2023-24 के अप्रैल से जून तिमाही के लिए जनरल प्रॉविडेंट फंड समेत दूसरे प्रॉविडेंट फंड्स पर दिए जाने वाले ब्याज दरों की घोषणा कर दी है और वित्त मंत्रालय ने ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है. 

ये तब है जब वित्त मंत्रालय ने कई छोटी बचत योजनाओं के ब्याज दरों में अप्रैल से जून तिमाही में बढ़ोतरी की है लेकिन जनरल प्रॉविडेंट फंड के ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है. दरअसल जनरल प्रॉविडेंट फंड समेत अन्य प्रॉविडेंट फंड का ब्याज दर वहीं होता है जो सरकार पीपीएफ (Public Provident Fund) पर ब्याज दर देती है. क्योंकि छोटी बचत योजना के पीपीएफ को छोड़कर सभी स्कीमों पर ब्याज दरें बढ़ाई गई है इसलिए जनरल प्रॉविडेंट फंड के ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है. 

वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग ने रिजोल्युशन जारी करते हुए कहा कि आम जानकारी के लिए यह घोषणा की जाती है कि वर्ष 2023-2024 के दौरान, 1 अप्रैल, 2023 से 30 जून, 2023 तक के लिए जनरल प्रॉविडेंट फंड  और अन्य  प्रॉविडेंट फंड के सब्सक्राइबर्स के जमा पर 7.1 फीसदी के दर से ब्याज दिया जाएगा. जीपीएफ और अन्य प्रॉविडेंट फंड पर ब्याज दर अप्रैल-जून तिमाही के लिए 7.1 फीसदी होगी. ये दरें एक अप्रैल 2023 से लागू है. 

जनरल प्रॉविडेंट फंड (सेंट्रल सर्विसेज), कांट्रिब्यूटरी प्रॉविडेंट फंड (इंडिया), ऑल इंडिया सर्विसेज प्रॉविडेंट फंड, स्टेट रेलवे प्रॉविडेंट फंड. जनरल प्रॉविडेंट फंड ( डिफेंस सर्विसेज) इंडियन ऑर्डिनेंस डिपार्टमेंट प्रॉविडेंट फंड पर 7.1 फीसदी ब्याज दर अप्रैल जून तिमाही के लिए लागू रहेगा. वित्त मंत्रालय हर तीन महीने पर ब्याज दरों की समीक्षा करता है. जनरल प्रॉविडेंट फंड केवल सरकारी कर्मचारियों के लिए उपलब्ध है. सभी सरकारी कर्मचारियों को अपने वेतन का कुछ फीसदी जनरल प्रॉविडेंट फंड में डालना होता है. और इस फंड में जमा रकम रिटायरमेंट के बाद कर्मचारियों को दी जाती है. 

paisa reels

ये भी पढ़ें 

Nandini-Amul War: विधानसभा चुनाव से पहले दूध को लेकर कर्नाटक में सियासी संग्राम, पर जानिए क्यों अमूल पर है नंदिनी भारी!

[ad_2]

Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here